आसिफ एकबाल उर्फ ताजिर जैसे युवा समाज के लिए एक उदाहरण हैं
बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
बेतिया(पच्छिम चम्पारण)
नगर के जंगी मस्जिद के प्रांगण मे संचालित सज्जाद पब्लिक ऊर्दू लाईब्रेरी बेतिया में प्रसिद्ध समाजसेवी आसिफ एकबाल की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु के बाद एक शोक सभा का आयोजन किया गया। लाईब्रेरी के सचिव एवं प्रसिद्ध साहित्यकार डा नसीम अहमद नसीम ने संचालन करते हुए बताया कि स्व.आसिफ एक बहुत ही मिलनसार और समाज सेवी आकर्षक व्यक्तित्व के मलिक थे। वह जब तक जीवित रहे, सबके दुख सुख में शामिल रहे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगर के प्रबुद्ध लोग मौजूद रहे। हसन मुवाविया नदवी ने बताया कि वह हर समाजिक कार्य में दिल से रुचि लेते थे। आवश्यकता पड़ने पर वह जरूरत मनदो की माली मदद भी किया करते थे। लाईब्रेरी के अध्यक्ष डा जावेद कमर ने कहा कि वह कम आयु में ही अपनी
योग्यता और सेवा भाव के कारण समाज के हर वर्ग के लोगों में लोक प्रिय थे।
इस अवसर पर श्रद्धांजली पेश करते हुए प्रवेज आलम, जफर ईमाम, अधिवक्ता वहीदुजजमा, एस. ए. शकील, कमरूजजमा कमर एवं इर्शाद जाकिर ने भी अपने उदगार पेश करते हुए कहा कि आसिफ एकबाल अब शारीरिक रूप में हमारे बीच नहीं रहे परन्तु उनके कारनामे हमेशा याद रखे जाएंगे ।
इस शोक सभा में मरहूम के रिश्तेदारों के अतिरिक्त नुरुल इस्लाम, जुबैर अहमद, डा जाकिर हुसैन, जावेद आलम, अफरोज अहमद, इबरार अहमद, औरंगजेब आलम, म. शहाबुद्दीन एवं इरफान आरिफ इत्यादि ने भी स्व, आसिफ को याद किया और उनके लिए दुआएं की ।