बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के हड़ताली शिक्षक 22 मार्च को जनता कर्फ्यू  का समर्थन करेगी: राहुल सिंह

बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के हड़ताली शिक्षक 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का समर्थन करेगी: राहुल सिंह

East Champaran Ghorasahan

पूर्वी चंपारण:- घोड़ासहन में आज हड़ताल के 34 वें दिन बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति पूर्वी चंपारण अध्यक्ष मंडल सदस्य सह जिलाध्यक्ष शिक्षक न्याय मोर्चा राहुल सिंह ने करोना के खिलाफ जागरूकता अभियान के दौरान कहाँ कि हड़ताली शिक्षक 22 मार्च को PM मोदी द्वारा आयोजित जनता कर्फ्यू फ़ॉर कोरोना वायरस से एक जंग का समर्थन करेगी ।

आगे श्री सिंह ने कहा कि देश मे कोरोना जैसे महामारी से हाहाकार मचा हुआ है लेकिन दूसरी तरफ नीतीश सरकार हमारे चार लाख हड़ताली शिक्षक के ऊपर अत्याचार करके कोरोना से भी घातक बन गए है। कुर्सी कुमार कभी पत्र निकालकर तो कभी न्यूज़ बाईट देकर शिक्षकों को परेशान करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है।

सफलता नही मिली तो मीटिंग करके अपने अधिकारी के साथ कोरोना से बचने का उपाय नही कर रहे है बल्कि हड़ताली शिक्षको के हड़ताल को कुचलने के लिए अपने अधिकारी से सर्वे कराकर अपनी हठधर्मिता का परिचय दे रहे है।

वही जिला सचिव संतोष सिंह, प्रशांत सिंह,एवम सभी अध्यक्ष मंडल ने एक स्वर में कहा कि नीतीश कुमार की सरकार हड़ताली शिक्षको से लोकतांत्रिक व्यवहार से नही, हिटलरशाही की तरह पेश आ रहे है। मीडिया प्रभारी मो. नुरुल होदा, रामनिवास मौर्यवंशी ने कहा कि हमलोग गुरु बनकर पढ़ा सकते है तो चाणक्य बनकर अपना इस अपमान का बदला भी ले सकते है, किसी भी कर्मचारी के कार्यो का मूल्यांकन सर्वे द्वारा नही बल्कि उसकी उपलब्धियों के आधार पर होता है।

ज्ञातव्य हो कि शिक्षक अपने मानवीय कर्तव्य के साथ सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए कोरोना वायरस स्टेज 2 होने के बावजूद जान जोखिम में डालकर समाज के गली गली ,वार्ड,तथा चौक चौराहे पर जाकर कोरोना वायरस से बचाव को लेकर ,,प्रोटेस्ट विद मास्क कैम्पेन,, के तहत जनजागृति  कार्यक्रम के द्वारा लोगो को जागरूक करने का काम कर रहे है।
इससे स्पष्ट है कि शिक्षकों के शब्द कोष में कोई असम्भव शब्द नही है। जिस तरह इस संकट की घड़ी में नियोजित शिक्षक कदम से कदम मिलाकर सरकार का साथ दे रही है। अब देखना ये है कि सरकार कब तक नियोजित शिक्षकों का साथ देती है मौके पर अध्यक्ष मंडल एवम सभी शिक्षक मौजूद थे।

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