आतंकी हमले की भारत सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच  एवं दोषियों के विरुद्ध

आतंकी हमले की भारत सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच एवं दोषियों के विरुद्ध

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भारत सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच एवं दोषियों के विरुद्ध कठोर करवाई की विभिन्न सामाजिक संगठनों ने की मांग। बेतिया से वकीलुर रहमान खान की‌ ब्यूरो रिपोर्ट। बेतिया (पच्छिम चम्पारण) जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि […]

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ऐसे बहुत कम लोगो की हैं तादाद, सास को लेकर दामाद फरार..

ऐसे बहुत कम लोगो की हैं तादाद, सास को लेकर दामाद फरार..

ऐसे बहुत कम लोगो की हैं तादाद, सास को लेकर दामाद फरार… यह तस्वीर सास सपना देवी और दामाद राहुल की है जो, 4 महीने पहले इस महिला की बेटी के साथ रिश्ता तय हुआ। और होने वाले दामाद ने सास को एक प्यारा सा मोबाइल गिफ्ट किया, दोनों में लगातार बातें होने लगी और […]

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रेस्ट इन पीस कर देंगे, पपू यादव को जान से मारने की धमकी, लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने धमकाया

रेस्ट इन पीस कर देंगे, पपू यादव को जान से मारने की धमकी, लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने धमकाया

बिहार: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को हत्या की धमकी मिलने से बिहार पुलिस में हड़कंप मच गया है, सांसद को हत्या की धमकी देने में लॉरेंस बिश्नोई गैंग सहित दो-दो गैंगस्टर का नाम सामने आया है. धमकी मिलने के बाद पप्पू यादव ने डीजीपी से इसकी शिकायत की है, इसके साथ पूर्णिया रेंज […]

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आ रहा चक्रवाती तूफान ‘Dana’, बिहार के इन जिलों में मूसलाधार बारिश का अलर्ट, रहें सावधान

आ रहा चक्रवाती तूफान ‘Dana’, बिहार के इन जिलों में मूसलाधार बारिश का अलर्ट, रहें सावधान

बिहार पटना: साइक्लोन डाना यानी चक्रवाती तूफान दानाा अब अपना रौद्र रूप में आने वाला है. यह तूफान ओडिशा की ओर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. मौसम विभाग की मानें तो शुक्रवार सुबह यानी 25 अक्टूबर यह ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराएगा. इस बीच ओडिशा में 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से […]

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शव के इंतजार में थे परिवार के लोग अंत मे सांकेतिक शव का परिजनों ने किया दाह संस्कार।

शव के इंतजार में थे परिवार के लोग अंत मे सांकेतिक शव का परिजनों ने किया दाह संस्कार।

प्रधान संपादक: ललन कुमार सिन्हा रक्सौल: नेपाल के त्रिशूली नदी में बस हादसे के बाद रक्सौल का चालक लापता है। शव का इंतजार कर थक चूके परिजनों ने इसके सांकेतिक शव का दाह संस्कार कर दिया। बीरगंज नगवा में आज गमगीन माहौल बन गया। बस चालक जवाहीर महतो का कुश का सांकेतिक शव बनाया गया […]

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कड़कती ठंड की दोपहर में पति के संभोग करने में जो आनंद है

कड़कती ठंड की दोपहर में पति के संभोग करने में जो आनंद है

कड़कती ठंड की दोपहर में पति के संभोग करने में जो आनंद है वो दुनिया के किसी और काम में नही है खास तौर पर जब आप की नई नई शादी हुई है, और एक हैंडसम खूब प्यार करने वाला पति मिला हो वो लड़कियाँ इस बात को ज्यादा समझ पाएंगी जिनकी नई-नई शादी हुई […]

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कड़कती ठंड की दोपहर में पति के संभोग करने में जो आनंद है वो दुनिया के किसी और काम में नही है, खास तौर पर जब आप की नई नई शादी हुई है, और एक हैंडसम खूब प्यार करने वाला पति मिला हो   वो लड़कियाँ इस बात को ज्यादा समझ पाएंगी जिनकी नई-नई शादी हुई हो। नवंबर में मेरी शादी हुई थी, मुझे एक अच्छा परिवार और प्यार करने वाला पति मिला था। दोस्त की तरह एक ननद और दो जेठानियाँ मिली थीं। पतिदेव इतने रोमांटिक थे कि जब भी मौका मिले, शुरू हो जाते थे। उनका कहना था कि ऐसा करने से प्यार और विश्वास में गहराई आती है। सच कहूं तो प्यार और विश्वास का तो ज्यादा नहीं पता, पर पति रोमांटिक मिल जाए तो जिंदगी मजेदार हो जाती है।  जनवरी का महीना था और कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। तकरीबन एक बजे रात को खाना खाकर सभी अपने-अपने कमरे में आराम करने चले गए। मैं और मेरे पतिदेव भी अपने कमरे में चले गए। थोड़ी बातें हो रही थीं, लेकिन ठंडी में बातें कहाँ से कहाँ पहुंच जाती हैं, कोई नहीं जानता।  हम दोनों का भी यही हाल था। जैसे ही कुछ होने वाला था, तभी मम्मी जी ने जोर से बुलाया। तुरंत दरवाजा खोला और बाहर चली गई। मम्मी जी ने कहा, “बर्तन ऐसे ही पड़े हैं, ये शुभ नहीं है। जाओ आराम करो, आगे से ध्यान देना। मैं साफ कर देती हूँ अभी।”  मैंने कहा, “मम्मी, आप रहने दीजिए, मैं कर देती हूँ।” और मन ही मन सोचने लगी कि इतना अच्छा सीन था, फालतू मम्मी जी ने बुला लिया।  धीरे-धीरे, जैसे-जैसे पुरानी होती गई, मम्मी जी मुझे हर चीज पर टोकने लगीं। उनका सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात पर होता कि मैं काम करने में देरी कर रही हूँ, जबकि मैं हर काम अपने हिसाब से करती थी। धीरे-धीरे यह बात जेठानी जी को भी कहने लगीं।  एक दिन सभी को ऑफिस जाना था, लेकिन नाश्ता और लंच तैयार नहीं हो पाया। इस पर मां जी ने हमें डांटा। शाम को जब पतिदेव घर आए तो मैंने यह बात बताई, तो वो मेरे ऊपर ही बोलने लगे कि तुम्हें ध्यान देना चाहिए, ऑफिस का समय इधर-उधर नहीं हो सकता।  धीरे-धीरे, पता नहीं कैसे, शाम का खाना जो पहले 8 बजे तक हो जाता था, अब 11 बजे तक होने लगा था। माँ का गुस्सा हम पर फूटने लगा कि तुम लोगों ने आते ही घर का सारा रूटीन बदल दिया। 11 बजे खाने के बाद सोते-सोते 1 बज जाता, और सुबह उठने में तकलीफ होती। फिर नाश्ता बनाने में आलस आता। हम दोनों देवरानी-जेठानी इस चक्कर में पड़ गए कि जल्दी से बिना मेहनत का खाना बना दें।  इस बात का फर्स्ट्रेशन पतिदेव और बड़े भैया में भी देखने को मिलने लगा था, लेकिन गलती कहाँ हो रही थी, समझ में नहीं आ रहा था। धीरे-धीरे घर की शांति भी भंग होने लगी। जो आदमी शादी के समय इतना प्यार करता था, वो अब हर सवाल का जवाब चिढ़कर देने लगा।  फिर एक दिन हद हो गई। सासु माँ ने हम दोनों से कहा कि तुम दोनों अपना फोन मुझे दे दो। हम दोनों को गुस्सा आता है। मैं तो कुछ नहीं बोलती, पर जेठानी जी बोल देती हैं कि मम्मी घर को घर रहने दीजिए, इसे जेल मत बनाइए। उन्होंने एक ना सुनी और फोन ले लिया और कहा, “अब से फोन सिर्फ दोपहर 1 बजे से रात 7 बजे तक मिलेगा।”  हमें अपनी सास का यह रवैया काफी खराब लगा। दो दिन बाद रक्षा बंधन था। मैंने माँ और पापा से सारी बात बताई जब मैं अपने भाई को राखी बांधने गई थी। मेरी माँ और भाई भड़क गए और बोले कि अभी बात करता हूँ, किसी की पर्सनल चीज को लेने का क्या हक बनता है।  पापा ने भाई को समझाया और बोले, “तुम इतने बड़े नहीं हुए हो जो इसकी सास से ऐसे पेश आओ।” फिर पापा मुझे कोने में ले जाते हैं और बोलते हैं, “बेटा, तुम्हारी सास तुमसे उम्र में बड़ी है, एक बार उनकी बात मानो, आखिर इसमें कुछ सच्चाई हो।”  मैं घर आती हूँ और अगले दिन सुबह जल्दी उठकर खाना बनाती हूँ, समय पर सबको खाना देती हूँ और घर के सारे काम भी निपटा देती हूँ। लगभग एक महीने बाद मुझे और मेरी जेठानी को यह बात समझ आई कि हम दोनों का हाथ धीमा क्यों चल रहा था। जो काम पहले 8 बजे होता था, वो अब 11 बजे क्यों हो रहा था। इसके पीछे कारण था मोबाइल, और मोबाइल में भी सबसे खतरनाक चीज छोटी शॉर्ट वीडियो, जो एक के बाद एक देखते जाओ, कैसे समय को खा रही है, पता ही नहीं चलता।  मैंने यह भी देखा कि जबसे शॉर्ट देखना बंद किया, किसी चीज पर ज्यादा ध्यान टिकने लगा। कोई भी बात काफी जल्दी समझ में आने लगी। और सबसे बड़ी बात, पहले घर का सारा काम करके 2 बजे खाली होते थे, अब 12 बजे हो जाते हैं।  मुझे और जेठानी जी को इस बात को समझने में समय लगा, लेकिन आज एक साल हो गया है। अब सुबह उठकर फोन ना देखना अपने आप में एक अच्छी आदत बन गई है। शायद मेरे पापा यह बात जानते थे, इसलिए बड़ी सहूलियत से बोल दिया कि जो सासु माँ बोल रही हैं, कुछ दिन करके देखो। हमारे घर में होने वाली किचकिच खत्म हो गई।  अब सोचिए, ये शॉर्ट्स कितनी खतरनाक चीज है। मेरा जो हाल था, वही हाल आज की हर लड़की और लड़के का है। शॉर्ट और रील के चक्कर में जो काम 10 मिनट का है, वो 2 घंटे में पूरा होता है।  यदि आप भी अपने परिवार को ठीक से संभाल नहीं पा रहे हैं या आपको लगता है कि समय बहुत जल्दी खत्म हो जाता है और आप सारा दिन कुछ कर नहीं पाते, तो मात्र 1 महीने के लिए रील देखना बंद कर दीजिए। यह मीठा जहर है, जो अंदर से दिमाग और हमारे समय को धीरे-धीरे खा रहा है।  उम्मीद है, मेरे इस अनुभव से बहुत सी गृहणियों को कुछ फायदा होगा। कमेंट करके यह भी बताएं कि क्या आपने यह नोटिस किया है कि रील देखने से बिना अंदाज का समय नष्ट होता है?  📌 **कृपया पोस्ट चोरी ना करें, बल्कि टैग करने के साथ शेयर करें।** #storytime #storytelling

कड़कती ठंड की दोपहर में पति के संभोग करने में जो आनंद है वो दुनिया के किसी और काम में नही है, खास तौर पर जब आप की नई नई शादी हुई है, और एक हैंडसम खूब प्यार करने वाला पति मिला हो वो लड़कियाँ इस बात को ज्यादा समझ पाएंगी जिनकी नई-नई शादी हुई हो। नवंबर में मेरी शादी हुई थी, मुझे एक अच्छा परिवार और प्यार करने वाला पति मिला था। दोस्त की तरह एक ननद और दो जेठानियाँ मिली थीं। पतिदेव इतने रोमांटिक थे कि जब भी मौका मिले, शुरू हो जाते थे। उनका कहना था कि ऐसा करने से प्यार और विश्वास में गहराई आती है। सच कहूं तो प्यार और विश्वास का तो ज्यादा नहीं पता, पर पति रोमांटिक मिल जाए तो जिंदगी मजेदार हो जाती है। जनवरी का महीना था और कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। तकरीबन एक बजे रात को खाना खाकर सभी अपने-अपने कमरे में आराम करने चले गए। मैं और मेरे पतिदेव भी अपने कमरे में चले गए। थोड़ी बातें हो रही थीं, लेकिन ठंडी में बातें कहाँ से कहाँ पहुंच जाती हैं, कोई नहीं जानता। हम दोनों का भी यही हाल था। जैसे ही कुछ होने वाला था, तभी मम्मी जी ने जोर से बुलाया। तुरंत दरवाजा खोला और बाहर चली गई। मम्मी जी ने कहा, “बर्तन ऐसे ही पड़े हैं, ये शुभ नहीं है। जाओ आराम करो, आगे से ध्यान देना। मैं साफ कर देती हूँ अभी।” मैंने कहा, “मम्मी, आप रहने दीजिए, मैं कर देती हूँ।” और मन ही मन सोचने लगी कि इतना अच्छा सीन था, फालतू मम्मी जी ने बुला लिया। धीरे-धीरे, जैसे-जैसे पुरानी होती गई, मम्मी जी मुझे हर चीज पर टोकने लगीं। उनका सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात पर होता कि मैं काम करने में देरी कर रही हूँ, जबकि मैं हर काम अपने हिसाब से करती थी। धीरे-धीरे यह बात जेठानी जी को भी कहने लगीं। एक दिन सभी को ऑफिस जाना था, लेकिन नाश्ता और लंच तैयार नहीं हो पाया। इस पर मां जी ने हमें डांटा। शाम को जब पतिदेव घर आए तो मैंने यह बात बताई, तो वो मेरे ऊपर ही बोलने लगे कि तुम्हें ध्यान देना चाहिए, ऑफिस का समय इधर-उधर नहीं हो सकता। धीरे-धीरे, पता नहीं कैसे, शाम का खाना जो पहले 8 बजे तक हो जाता था, अब 11 बजे तक होने लगा था। माँ का गुस्सा हम पर फूटने लगा कि तुम लोगों ने आते ही घर का सारा रूटीन बदल दिया। 11 बजे खाने के बाद सोते-सोते 1 बज जाता, और सुबह उठने में तकलीफ होती। फिर नाश्ता बनाने में आलस आता। हम दोनों देवरानी-जेठानी इस चक्कर में पड़ गए कि जल्दी से बिना मेहनत का खाना बना दें। इस बात का फर्स्ट्रेशन पतिदेव और बड़े भैया में भी देखने को मिलने लगा था, लेकिन गलती कहाँ हो रही थी, समझ में नहीं आ रहा था। धीरे-धीरे घर की शांति भी भंग होने लगी। जो आदमी शादी के समय इतना प्यार करता था, वो अब हर सवाल का जवाब चिढ़कर देने लगा। फिर एक दिन हद हो गई। सासु माँ ने हम दोनों से कहा कि तुम दोनों अपना फोन मुझे दे दो। हम दोनों को गुस्सा आता है। मैं तो कुछ नहीं बोलती, पर जेठानी जी बोल देती हैं कि मम्मी घर को घर रहने दीजिए, इसे जेल मत बनाइए। उन्होंने एक ना सुनी और फोन ले लिया और कहा, “अब से फोन सिर्फ दोपहर 1 बजे से रात 7 बजे तक मिलेगा।” हमें अपनी सास का यह रवैया काफी खराब लगा। दो दिन बाद रक्षा बंधन था। मैंने माँ और पापा से सारी बात बताई जब मैं अपने भाई को राखी बांधने गई थी। मेरी माँ और भाई भड़क गए और बोले कि अभी बात करता हूँ, किसी की पर्सनल चीज को लेने का क्या हक बनता है। पापा ने भाई को समझाया और बोले, “तुम इतने बड़े नहीं हुए हो जो इसकी सास से ऐसे पेश आओ।” फिर पापा मुझे कोने में ले जाते हैं और बोलते हैं, “बेटा, तुम्हारी सास तुमसे उम्र में बड़ी है, एक बार उनकी बात मानो, आखिर इसमें कुछ सच्चाई हो।” मैं घर आती हूँ और अगले दिन सुबह जल्दी उठकर खाना बनाती हूँ, समय पर सबको खाना देती हूँ और घर के सारे काम भी निपटा देती हूँ। लगभग एक महीने बाद मुझे और मेरी जेठानी को यह बात समझ आई कि हम दोनों का हाथ धीमा क्यों चल रहा था। जो काम पहले 8 बजे होता था, वो अब 11 बजे क्यों हो रहा था। इसके पीछे कारण था मोबाइल, और मोबाइल में भी सबसे खतरनाक चीज छोटी शॉर्ट वीडियो, जो एक के बाद एक देखते जाओ, कैसे समय को खा रही है, पता ही नहीं चलता। मैंने यह भी देखा कि जबसे शॉर्ट देखना बंद किया, किसी चीज पर ज्यादा ध्यान टिकने लगा। कोई भी बात काफी जल्दी समझ में आने लगी। और सबसे बड़ी बात, पहले घर का सारा काम करके 2 बजे खाली होते थे, अब 12 बजे हो जाते हैं। मुझे और जेठानी जी को इस बात को समझने में समय लगा, लेकिन आज एक साल हो गया है। अब सुबह उठकर फोन ना देखना अपने आप में एक अच्छी आदत बन गई है। शायद मेरे पापा यह बात जानते थे, इसलिए बड़ी सहूलियत से बोल दिया कि जो सासु माँ बोल रही हैं, कुछ दिन करके देखो। हमारे घर में होने वाली किचकिच खत्म हो गई। अब सोचिए, ये शॉर्ट्स कितनी खतरनाक चीज है। मेरा जो हाल था, वही हाल आज की हर लड़की और लड़के का है। शॉर्ट और रील के चक्कर में जो काम 10 मिनट का है, वो 2 घंटे में पूरा होता है। यदि आप भी अपने परिवार को ठीक से संभाल नहीं पा रहे हैं या आपको लगता है कि समय बहुत जल्दी खत्म हो जाता है और आप सारा दिन कुछ कर नहीं पाते, तो मात्र 1 महीने के लिए रील देखना बंद कर दीजिए। यह मीठा जहर है, जो अंदर से दिमाग और हमारे समय को धीरे-धीरे खा रहा है। उम्मीद है, मेरे इस अनुभव से बहुत सी गृहणियों को कुछ फायदा होगा। कमेंट करके यह भी बताएं कि क्या आपने यह नोटिस किया है कि रील देखने से बिना अंदाज का समय नष्ट होता है? 📌 **कृपया पोस्ट चोरी ना करें, बल्कि टैग करने के साथ शेयर करें।** #storytime #storytelling

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नाबालिग के दुष्कर्मियों को सजा दिलाने के लिए कैंडल मार्चः रक्सौल में मशाल लेकर निकले लोग, बजरंग दल के पूर्व संयोजक ने किया नेतृत्व

नाबालिग के दुष्कर्मियों को सजा दिलाने के लिए कैंडल मार्चः रक्सौल में मशाल लेकर निकले लोग, बजरंग दल के पूर्व संयोजक ने किया नेतृत्व

रक्सौल: निर्भया कांड की तर्ज पर नाबालिग के दुष्कर्मियों को सजा दिलाने और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए देर शाम कैंडल मार्च निकाला गया। यह आयोजन बजरंग दल के पूर्व संयोजक दिग्विजय पार्थ के नेतृत्व में किया गया। इसमें गीता क्लास के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।इसका समर्थन नगर के भारी संख्या में लोगों […]

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दिल्ली में एनआईए के हथे चढा साठी‌ थाना क्षेत्र के भेडिहरवा पंचायत अंतर्गत हींगलहर गांव का युवक।

दिल्ली में एनआईए के हथे चढा साठी‌ थाना क्षेत्र के भेडिहरवा पंचायत अंतर्गत हींगलहर गांव का युवक।

दिल्ली में एनआईए के हथे चढा साठी‌ थाना क्षेत्र के भेडिहरवा पंचायत अंतर्गत हींगलहर गांव का युवक। साठी से कृष्ण कुमार राय के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की‌ ब्यूरो रिपोर्ट। साठी /नरकटियागंज(पच्छिम चम्पारण) नरकटियागंज प्रखंड क्षेत्र के भेडिहरवा पंचायत अंतर्गत हिंगलहर गांव निवासी कलाम राय के पुत्र नबी आलम राय की गिरफ्तारी […]

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रक्सौल में व्यवसायी के घर से 94 लाख कैश बरामदः 60 लाख नेपाली, 34 इंडियन करेंसी, नोट गिनने की मशीन मिली; हवाला से जुड़ा मामला

रक्सौल में व्यवसायी के घर से 94 लाख कैश बरामदः 60 लाख नेपाली, 34 इंडियन करेंसी, नोट गिनने की मशीन मिली; हवाला से जुड़ा मामला

रक्सौल: पुलिस ने एक व्यवसायी के घर से 94 लाख कैश बरामद किया है। नागा रोड स्थित गुड़ व्यवसायी ध्रुप साह के घर पर रविवार को छापेमारी की गई। छापेमारी में पुलिस ने इसके घर से 94 लाख रुपए कैश बरामद किए हैं। इसमें 60 लाख नेपाली और 34 लाख भारतीय नोट शामिल है। घर […]

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