पूर्वी चंपारण/ घोड़ासहन: अचानक तेज आंधी-तूफान और बारिश के कारण भारत-नेपाल अंतर्राष्टीय सीमा क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ। नेपाल के तरफ से आने वाली चक्रवाती तूफान ने कोरैया, जमुनिया, टोनवा, छितरोली, खरसलवा, कवैया सहित दर्जनों गाँव में कोहराम मचा दिया। 17/04/2020 के रात 8:30 बजे के करीब हवाएं काफी तेज़ी से चलने लगी। आंधी इतनी तीव्र थी कि उसमें दर्ज़नों घरों के छप्पर उड़ गए, कई पेड़ टूट गए।
सैकड़ो एकड़ में लगे हुए मक्के के फसल खेतों में ऐसे गिर गए मानों गहरी नींद में सो गए हो। कोरैया के वीरेंद्र प्रसाद के बग़ीचे में लगे हुए दर्ज़नों आम के पेड़ टूट गए लक्ष्मीनिया टोला स्थित बड़े पीपल का पेड़ जड़ से ऐसे उखड़ गए है मानों अशोक वाटिका में हनुमान जी आकर उत्पात मचाये हो।
एक तरफ कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉक डाउन है।देश के प्रधान सेवक के द्वारा लगातार घरों में रहने की सलाह दी जा रही है।
वही दूसरी ओर प्रकृति ने ऐसा कहर ढहा की तूफान के कारण लोग बेघर हो गए। वैसे काम-धंधे बन्द हो जाने के कारण दिहाड़ी मज़दूरों के सामने भुखमरी की समस्या तो पहले से ही विद्यमान है अब उनके आशियाना का उजड़ जाना, ज़ले पर नमक छिड़कने से कम नही है।
कोरैया के रामनरेश प्रसाद, रामेश्वर प्रसाद, मँगनी महतो, उमैर आलम, राजेश्वर राउत , मुकेश कुमार, मिश्रीलाल ठाकुर,छितरोली के गगनदेव राउत ,सुरेंद्र प्रसाद, पीठवा अनीता देवी, जैसे सैकडों गरीब लोगों के आशियाने उजड़ गए रात भर वे बारिश में भींग-भीग कर अपने सामानों की रक्षा करने की कोशिश किये लेकिन घर मे रखे हुए अनाजों को भींगने से नही बचा पाए।
झरोखर पंचायत के मुखियापति श्री वीरेंद्रनाथ सक्सेना ने अपनी तत्परता दिखाते हुए क्षेत्र का भ्रमण किये और आपदा राहत कोष से उचित मुआबजा दिलाने का आश्वासन दिए।