बेतिया: न्यूज़ ब्यूरो वकीलूर रहमान खान, सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में, संसाधनों की कमी के कारण एक रोगी ने टैंपू में ही तड़प तड़प कर दम तोड़ दी, इस रोगी का इलाज जीएमसीएच के वार्ड में भर्ती नहीं होने के कारण, उस रोगी ने टैंपू में ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी ,मगर जीएमसीएच के डॉक्टर अस्पताल प्रशासन मूकदर्शक बनी रही, रोगी को अस्पताल में भर्ती नहीं होने के कारण, बेड नहीं होने, ऑक्सीजन की कमी होने ,वेंटिलेटर का नहीं होने, नो इंट्री का बोर्ड लगाने, के कारण रोगी का भर्ती नहीं करने, ऑक्सीजन के अभाव में टेंपो में ही मरीज की मौत हो गई,मृतक मझौलिया थाना के श्यामपुर बैठेनिया गांव का निवासी बताया गया है, परिजन में, भाई नंदलाल महतो ने बताया कि मृतक, भरत महतो 102 एंबुलेंस के चालक थे, 1 सप्ताह पहले ड्यूटी कर घर पर गए थे ,जांच में पॉजिटिव आ गए थे, भाई नंदलाल महतो ने संवाददाता को बताया कि इसकी तबीयत बिगड़ने पर हम लोग टैंपू से ही मझौलिया से बेतिया सरकारी मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लाए, मगर यहां बेड की उपलब्धता नहीं होने, ऑक्सीजन की कमी होने, वेंटिलेटर के नहीं होने के कारण मरीज की भर्ती नहीं किया जा सका,जिसके कारण मरीज टैंपू में ही तड़प तड़प कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी, इस घटना को लेकर सभी एंबुलेंस चालक सेवा ठप पड़ने की बात कर रहे हैं, परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनके बाद पहुंचने वाले दो- तीन मरीजों को अस्पताल प्रशासन ने भर्ती कर लिया, एक मरीज के लिए तो खुद डॉक्टर आकर उसको सहारा देकर और अपने साथ लेकर आए, और मरीज कोअस्पताल में भर्ती कराए, एंबुलेंस चालकों ने बताया है कि जब अस्पताल के स्टाफ के साथ ऐसा व्यवहार किया गया ,तो अन्य लोगों के साथ कैसा व्यवहार होता होगा ,यह इस बेतिया एमजेके कॉलेज मेडिकल अस्पताल की इतिहास में एक नया अध्याय होगा, चालकों ने बताया कि बेतिया सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इस दुर्दशा और इस घटना के बाद हमलोग कार्य के लिए, हम सभी एंबुलेंस चालक काम ठप करने पर मजबूर हैं।
