बेतिया: न्यूज़ ब्यूरो वकीलूर रहमान खान, कोविड-19 के टीकाकरण हेतु, 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लिए ऐप के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना तथा ओटीपी के माध्यम से टीकाकरण कराने की नियम व पद्धति की वैधता पर रोक लगाने की मांग, जिला के मानवाधिकार कार्यकर्ता ,सुरैया सहाब ने बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन से की है,ताकि इस पद्धति से होने वाले कठिनाइयों को समाप्त की जाए, तथा जिले के अंदर बनाए गए केंद्रों पर बिना रजिस्ट्रेशन के ही टीकाकरण की प्रक्रिया हो जाए, ताकि 18 से 44 आयु वर्ग के एवं 45 से ऊपर के आयु के लोगों को आसानी से टीकाकरण किया जा सके, इसके विभिन्न प्रकार के बाधाओं,बाध्यताओं,अड़चनों के चलते टीकाकरण की गति धीमी पड़ती नजर आ रही है, जिससे महामारी की रोकथाम में दुश्वारियां पैदा हो रही हैं, इस पर विचार करने की आवश्यकता है, तथा इस टीकाकरण अभियान को बिल्कुल सरल व सुगम बनाने की जरूरत महसूस की जा रही है, ताकि हर आयु वर्ग के लोगों को बिना किसी परेशानी के टीकाकरण केंद्रों पर जाकर टीका लिया जा सके, अन्यथा इन बाधाओं के साथ टीका लेने में लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, जो नियम संगत नहीं लगता है, इस प्रकार देखा जाए तो टीकाकरण के लक्ष्य की प्राप्ति में, इस तरह की बाधाएं ,बाध्यताएं व अड़चनें रुकावट पैदा होंगी, इन सभी कारणों, बाध्येताओं,अड़चनों को देखते हुए, जिला मानवाधिकार कार्यकर्ता, सुरैया सहाब ने बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन से मांग की है कि इसआदेश को अभिलंब दूर किया जाए ताकि लक्ष्य की प्राप्ति हो सके, क्योंकि ऐप के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना, सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को,या वैसे लोगों को जिनके पास एंडॉयड मोबाइल सेट उपलब्ध नहीं है, ऐसे लोगों के लिए ऐप के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना कतई संभव नहीं लगता है, ऐसा होने से 18 से 44 एवं 45 से ऊपर के आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण होना संभव नहीं हो सकेगा,चाहे बिहार सरकार या जिला प्रशासन इस दिशा में कितना ही कोशिश क्यों नहीं करे।
कोविड-19 के टीकाकरण हेतु, 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लिए ऐप के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना तथा ओटीपी के माध्यम से टीकाकरण कराने की नियम व पद्धति की वैधता पर रोक लगाने की मांग, जिला के मानवाधिकार कार्यकर्ता ,सुरैया सहाब ने बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन से की है,ताकि इस पद्धति से होने वाले कठिनाइयों को समाप्त की जाए, तथा जिले के अंदर बनाए गए केंद्रों पर बिना रजिस्ट्रेशन के ही टीकाकरण की प्रक्रिया हो जाए, ताकि 18 से 44 आयु वर्ग के एवं 45 से ऊपर के आयु के लोगों को आसानी से टीकाकरण किया जा सके, इसके विभिन्न प्रकार के बाधाओं,बाध्यताओं,अड़चनों के चलते टीकाकरण की गति धीमी पड़ती नजर आ रही है, जिससे महामारी की रोकथाम में दुश्वारियां पैदा हो रही हैं, इस पर विचार करने की आवश्यकता है, तथा इस टीकाकरण अभियान को बिल्कुल सरल व सुगम बनाने की जरूरत महसूस की जा रही है, ताकि हर आयु वर्ग के लोगों को बिना किसी परेशानी के टीकाकरण केंद्रों पर जाकर टीका लिया जा सके, अन्यथा इन बाधाओं के साथ टीका लेने में लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, जो नियम संगत नहीं लगता है, इस प्रकार देखा जाए तो टीकाकरण के लक्ष्य की प्राप्ति में, इस तरह की बाधाएं ,बाध्यताएं व अड़चनें रुकावट पैदा होंगी, इन सभी कारणों, बाध्येताओं,अड़चनों को देखते हुए, जिला मानवाधिकार कार्यकर्ता, सुरैया सहाब ने बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन से मांग की है कि इसआदेश को अभिलंब दूर किया जाए ताकि लक्ष्य की प्राप्ति हो सके, क्योंकि ऐप के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना, सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को,या वैसे लोगों को जिनके पास एंडॉयड मोबाइल सेट उपलब्ध नहीं है, ऐसे लोगों के लिए ऐप के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना कतई संभव नहीं लगता है, ऐसा होने से 18 से 44 एवं 45 से ऊपर के आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण होना संभव नहीं हो सकेगा,चाहे बिहार सरकार या जिला प्रशासन इस दिशा में कितना ही कोशिश क्यों नहीं करे।
