प्रशिक्षु अधिकारी बेहतर तरीके से अर्जित करें व्यवहारिक ज्ञान : जिलाधिकारी।

प्रशिक्षु अधिकारी बेहतर तरीके से अर्जित करें व्यवहारिक ज्ञान : जिलाधिकारी।

Bettiah Bihar
  • प्रशिक्षु अधिकारियों ने अपने-अपने अनुभवों को जिलाधिकारी के साथ किया साझा।
  • बोले-हर फिल्ड में हो रहा बेहतर काम, विभिन्न विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों से लोगों की संवर रही है जिन्दगी।
  • लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी से 30 प्रशिक्षु अधिकारियों का दल फील्ड स्टडी एंड रिसर्च प्रोग्राम-96 वां फाउंडेशन कोर्स के तहत पश्चिम चम्पारण जिले में प्राप्त कर रहे हैं प्रशिक्षण।

बेतिया। लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी से 30 प्रशिक्षु अधिकारियों का दल फील्ड स्टडी एंड रिसर्च प्रोग्राम-96 वां फाउंडेशन कोर्स के तहत पश्चिम चम्पारण जिले में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। 06-06 की संख्या में प्रशिक्षु अधिकारियों का दल जिले के विभिन्न पंचायतों/गांवों यथा-चखनी, डमरापुर, धुमनगर (सोफवा), जमुनिया, रामपुर में रूक कर व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। पंचायतों/गांवों में प्रशिक्षु अधिकारियों का दल ग्रामीणों से बातचीत कर रहे हैं तथा ग्राम पंचायत की कार्य प्रणाली से अवगत हो रहे हैं।

प्रशिक्षण के क्रम में आज प्रशिक्षु अधिकारियों के सभी दलों ने अपने-अपने अनुभवों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, श्री कुंदन कुमार के साथ साझा किया। सभी दलों ने सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं के सही तरीके से क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। साथ ही कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अपने सुझाव भी व्यक्त किये।

प्रशिक्षु अधिकारी श्री अतुल कुमार ने गांवों में संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रशंसा किये तो वहीं आशा सहित अन्य कर्मियों के लिए पहचान पत्र निर्गत कराने की बात कही। सुश्री सारा अशरफ ने बताया कि गांवों में स्मार्ट क्लास के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेज चलाये जा रहे हैं, जिससे छात्र-छात्राओं को काफी लाभ मिल रहा है। सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों को जन-जन तक सही तरीके से पहुंचाया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि गांव भ्रमण के दौरान कई ग्रामीणों को स्कीम के बारे में पता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों आदि के माध्यम से सभी ग्रामीणों को प्रत्येक योजनाओं, कार्यक्रमों की जानकारी होनी चाहिए ताकि वे इसका लाभ प्राप्त कर सके। श्री अर्पित जैन ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों में वेलकमिंग माहौल, समुचित पठन-पाठन की व्यवस्था और सुदृढ़ किया जाय तो आमजन को ज्यादा लाभ मिल सकेगा। सेविका-सहायिका को अच्छे तरीके से प्रशिक्षित किया जाय ताकि बच्चों, महिलाओं के स्वास्थ्य सहित अन्य मामलों में बेहतर तरीके से कार्य कर सके।

सुश्री शैलेजा पाण्डेय ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है, बहुत कुछ सीखने के मिल रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त एंबुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए। अगर किसी अस्पताल में अपेक्षाकृत कम एंबुलेंस हैं तो वहां संख्या बढ़ायी जानी चाहिए ताकि मरीजों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। विद्यालयों सहित गांवों में अतिरिक्त शौचालय, सामुदायिक शौचालय की संख्या बढ़ायी जा सकती है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत गांवों में बेहतर कार्य हुआ है, इसका क्रियान्वयन और अधिक बेहतर तरीके से किया जाय। उन्होंने कहा कि लोकल उत्पाद की जीआई टैगिंग दिलवा कर, फुड प्रोसेसिंग यूनिट खुलवा कर ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाया जा सकता है।

श्री दीपांशु गीद ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि वैसे तो पश्चिम चम्पारण जिला महिला सशक्तीकरण की दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है। लेकिन अभी भी कई ऐसी महिला जनप्रतिनिधि है, जो किसी सम्मेलन, कार्यक्रम, आयोजन में स्वयं नहीं आकर अन्य दूसरे परिजन को भाग लेने के लिए भेजती है। उन्होंने कहा कि महिला जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा तथा अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन अपनी देखरेख में कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांवों में जीविका दीदियां काफी एक्टिव है। वे अपने सभी कर्तव्यों एवं दायित्वों का निवर्हन बखूबी कर रही है। जीविका के माध्यम से गांव की महिलाओं का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। इसी तरह श्री अनंथ चन्द्रशेखर ने बताया कि विद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति ठीक है लेकिन शिक्षकों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। गेस्ट टिचर के माध्यम से भी बच्चों को शिक्षा दिलायी जा सकती है।

सुश्री स्वाथी रत्ना ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आगे बढ़ रही है। वे स्मार्टफोन की मदद से ऑनलाइन मार्केटिंग कर रही है तथा अन्य दैनिक उपयोग की जरूरतों को पूरी कर रही है। उन्होंने बताया कि कुछ ग्रामीणों के अनुसार रोजगार करने हेतु बैंक लोन नहीं दे पा रहे है। इसी तरह सुश्री टि्ंवकल सिंह ने बताया कि अनुसूचित जाति/जनजाति हेतु चलाये जा रहे विभिन्न विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं का पारदर्शी तरीके से क्रियान्वयन आवश्यक है। ऐसे समुदाय को विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान करना आवश्यक है ताकि इन्हें समुचित लाभ मिल सके। इसी तरह अन्य प्रशिक्षु अधिकारियों ने भी अपने-अपने अनुभवों को साझा किया तथा कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये।

जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को अच्छे तरीके से फाउंडेशन कोर्स सम्पन्न करने को कहा गया तथा उन्हें शुभकामनाएं दी गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि आपके द्वारा दिये गये सुझावों पर अमल कराने हेतु हर संभव प्रयास की जायेगी। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार उपस्थित रहे।

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