सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र संख्या 03 से नवनिर्वाचित एमएलसी अफाक अहमद ने कि या प्रेस कॉन्फ्रेंस।

सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र संख्या 03 से नवनिर्वाचित एमएलसी अफाक अहमद ने कि या प्रेस कॉन्फ्रेंस।

Bettiah Bihar West Champaran

कान्फ्रेंस के दौरान एमएलसी द्वारा नई सेवा शर्त नियमावली 2023 पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया!
बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट!

बेतिया( पश्चिमी चंपारण)  बेतिया नगर निगम क्षेत्र के दरगाह मोहल्ला स्थित नेशनल पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल के सभागार में सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र संख्या 03 से नवनिर्वाचित एमएलसी अफाक अहमद द्वारा बिहार सरकार द्वारा नई सेवा शर्त नियमावली 2023 पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया!
इस दौरान एमएलसी श्री अहमद ने कॉन्फ्रेंस में उपस्थित पत्रकारों एवं  शिक्षकों को संबोधित  करते हुए कहा कि सरकार ने ऐसी नियमावली क्यों बनायी, जिसमें नियोजित शिक्षकों का कोई भविष्य नहीं है!
वहीं उन्होंने यह भी कहा कि नई नियमावली में शिक्षकों के प्रमोशन एवं ट्रांसफर के जो नियम बनाए गए, उसका कोई मतलब नही है।
तथा वर्तमान नियमावली के अनुसार एसटीईटी, टीईटी, सीटेट एवं दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण किए हुए अभ्यर्थियों को भी परीक्षा देनी है, तब वह राज्यकर्मी होगा। वही पुराने शिक्षकों को भी यह परीक्षा देकर पास करना होगा, तभी वह राज्यकर्मी होंगे – क्या अभी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के साथ बैठकर वर्तमान समय में 50 वर्ष का शिक्षक उनकी बराबरी कर पायेंगे! यह कहां का न्याय है!
वही एमएलसी श्री अहमद कहा कि शिक्षक संगठनों ने अपने हक के लिए पहले भी आंदोलन कर अपने भविष्य को संवरा है। उन्हें आज भी अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। शिक्षकों के पास अभी भी वक्त है जाति-धर्म एवं अलग-अलग संगठनों की राजनीति से ऊपर उठकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरिए , वरना समय (परिवार, बाल बच्चे) आपको कभी माफ नहीं करेगा।
हम सबको हर स्तर की बिहार की शिक्षा एवं शिक्षकों को बचाने के लिए लड़ाई लड़नी है। मैं तो आपके साथ हूं। आप ऐसे संकीर्ण सोच वाले नेताओं से मुक्त होइए। वरना और भी दुर्गति भोगनी है।
अब तो आर या पार की लड़ाई का ऐलान को तैयार हो शिक्षक।
हम नियोजित शिक्षकों ने अपनी जिंदगी के 18 बेहतरीन साल सरकार से उम्मीद में गुजारें हैं। वेतनमान की आस, पेंशन की आस, राज्यकर्मी दर्जे की आस, किंतु सरकार ने एक झटके में सब बर्बाद कर दिया। तो आईये शपथ लें कि हम बिहार की शिक्षा विरोधी इस सरकार से लड़ कर अपना भविष्य तय करेंगे। नहीं तो उखाड़ फेंकेंगे।

हम सभी शिक्षक संगठनों से आह्वान करेंगे कि सभी शिक्षक संघ संगठित होकर समन्वय स्थापित करें और जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के नेतृत्व में यह संघर्ष हो।

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