बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट!
बैरिया (पश्चिमी चंपारण)
बैरिया समेकित बाल विकास कार्यालय में अपनी मांग को लेकर सेविका/ सहायिकाओं ने प्रखंड किया है। प्रदर्शन करते। हुए बताया की छह हजार मे दम नही , चौबीस हजार से कम नही ,सरकारी कर्मी को दर्जा , सेविका – सहायिका के साथ सौतेलापन रवैया सरकार करे बंद । आधी आबादी की है यह मांग, सेविका- सहायिका को मिले उसका सम्मान । इस तरह के नारेबाजी से बैरिया का बाल विकास परियोजना गूँजता रहा । सैकड़ों सेविकाओ – सहायिकाओ ने प्रदर्शन कर अपने विभिन्न मांगो के समर्थन मे दसवें दिन भी हड़ताल जारी रखे हुए है । बिहार राज्य आंगनवाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आंगनवाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं अपने राज्य कर्मी का दर्जा देने समेत अन्य मांगो को लेकर हड़ताल पर है । सोमवार को हड़ताल कर रही सेविका-सहायिका ने बाल विकास परियोजना कार्यालय पर प्रदर्शन किया । इस दौरान सरकार के तानाशाही रवैया के विरोध मे नारेबाजी की । फिर कार्यालय पर धरना पर बैठ गई । संघ की सेविका अंजू देवी , मीना कुशवाहा आदि ने कहा कि सरकार आधी आबादी के साथ भेदभाव कर रही है । दैनिक मजदूरी से भी कम सेविका व सहायिका को मानदेय मिल रहा है । जबकि स्कूल पूर्व शिक्षण कार्य के अलावे सेविकाओ से कई अन्य कार्य भी कराया जा रहा है । सरकार के वादा खिलाफी के कारण सेविका-सहायिका को विवश होकर हड़ताल करनी पडी । जब तक मांगे पूरी नही होती है तब तक आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन बंद रहेगा और आंदोलन होगा । जब तक सरकार सेविकाओ – सहायिकाओ की मांगो को पूरा नही करेगी । तब तक स्कूल पूर्व काम या अन्य सरकार के कामों का बहिष्कार करेगी । हड़ताल पर गई सेविकाओ का कहना है कि बिहार सरकार अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि के रूप मे दस हजार रूपया प्रतिमाह सुनिश्चित करे । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक मे ग्रेच्चुटी का भुगतान हो । वही योग्य सहायिका को सेविका व योग्य सेविका को पर्यवेक्षिका के पद पर पदोन्नति किया जाए । इन सेविकाओ का कहना है कि सरकार स्कूल पूर्व शिक्षण कार्य के अलावे स्वास्थ्य विभाग, पोलियो अभियान समेत अन्य कई काम सेविकाओ से कराती है । मगर सेविकाओ के मानदेय वृद्धि या राज्य कर्मी का दर्जा देने पर आनाकानी कर रही है । यही नही पिछले वर्ष सेविका संघ के पदाधिकारियों व सरकार के बीच वार्ता भी हुई । उस वार्ता मे जिन बिन्दुओं पर सहमति बनी थी । उसपर भी सरकार आज तक कोई पहल नही की है । सरकार केवल बयानबाज़ी मे आधी आबादी के हित की बात करती रही है । महिला सशक्तिकरण की बात खोखली साबित हो रही है । महागठबंधन भी अपने चुनावी घोषणा पत्र मे सेविकाओ को नियमित करने और सम्मानजनक मानदेय देने का वादा किया । मगर सत्ता मे आते ही सबकुछ भूल गए । सेविकाओ ने कहा कि इस बार आर पार का आंदोलन है । जब तक मांगे सरकार पूरी नही करेगी । तब तक आंगनवाड़ी का संचालन बंद रहेगा । इस मौके पर सेविका मीना कुशवाहा, अंजू देवी, कुमारी नीलम , प्रतिमा कुमारी , कुमारी मुन्नी समेत दर्जनो सेविका- सहायिका उपस्थित थी ।