उपभोक्ताओं की समस्या कोई भी पदाधिकारी सुनने को नहीं है तैयार।
एक ही भवन में प्रतिदिन विद्युत भार समानांतर होते हुए कभी 2 रुपया से ₹10 तो कभी 40 से ₹50 खर्च दिखता है प्रीपेड मीटर।
क्या मामला है प्रीपेड मीटर के संचालन में जो समझ से उपभोक्ताओं से परे है।
बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
बेतिया( पश्चिमी चंपारण)
संपूर्ण जिले के बिजली उपभोक्ता प्रीपेड मीटर के संचालन से है परेशान। अब तो बिजली उपभोक्ता प्रीपेड मीटर को भूतहवा मीटर के नाम से संबोधन करना आरंभ कर दिया है।
कारण है कि इस मीटर के संचालन में कोई गति प्रतीत नहीं होता है। यही नहीं प्रीपेड मीटर संबंधित समस्याओं को लेकर जब बिजली उपभोक्ता कार्यालय से संपर्क करते हैं तो उपभोक्ताओं को संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का पैसा बिजली विभाग में जमा कराकर मुंह लटकाए बिजली विभाग से घर चले जाने पर मजबूर होना पड़ता है।
इन सभी समस्याओं सहित बिजली विभाग के पदाधिकारीयों सहित कर्मचारीयों का बिजली उपभोक्ताओं के प्रति इस व्यवहार से संपूर्ण जिले के बिजली उपभोक्ताओं के बीच उदासीनता देखी जा रही है।