सरकारी दर 2275 रुपए है, लेकिन किसान बिचौलियों से 2100 रुपए से अधिक का नुकसान कर बेच रहे हैं गेहूं

सरकारी दर 2275 रुपए है, लेकिन किसान बिचौलियों से 2100 रुपए से अधिक का नुकसान कर बेच रहे हैं गेहूं

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सरकारी दर 2275 रुपए है, लेकिन किसान बिचौलियों से 2100 रुपए से अधिक का नुकसान कर बेच रहे हैं गेहूं

बनकटवा: गेहूं के खरीदार नहीं मिलने से किसान जहां तहां औने- पौने दाम पर बेचने को विवश हैं। जबकि सहकारिता विभाग ने प्रखंड के 15 में से 12 पैक्स एवं एक व्यापार मंडल को गेंहू खरीदने के लिए अधिकृत किया है, लेकिन, विभाग की सुस्ती और एजेंसियों की मनमानी के कारण अधिकांश पैक्स गेहूं की खरीद पंद्रह दिन बाद भी चालू नहीं कर पाया है जिसके कारण सैकड़ों किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पाने से वंचित हैं।

सरकारी मूल्य पर गेहूं खरीद नहीं होने से किसान मजबूरन अपनी मेहनत से उगाई हुई गेहूं की फसल को खुले बाजारों में बिचौलियों के हाथ बेचने को विवश हैं। 2275 रुपये प्रति क्विटल है न्यूनतम समर्थन मूल्य। वर्ष 2024 में सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विटल तय किया है। लेकिन, सरकारी एजेंसियों के मनमानी के कारण किसानों को मजबूरी में बिचौलियों को ,2000 से 2100 रुपए प्रति क्विटल के हिसाब से बेचना पड़ रहा है।

इससे किसानों को लगभग साढ़े तीन सौ रुपए प्रति क्विटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बनकटवा पंचायत के किसान बसंत कुमार सिंह आदि किसानों ने बताया कि हमलोगों ने पंचायत में पैक्स द्वारा मनमानी करने के उपरांत प्रखंड के व्यापार मंडल में धान बेचे थे। लेकिन गेहूं देने की बारी आई तो उन्होंने पहले ही हाथ खड़ा कर लिया। पैक्स अध्यक्ष बनकटवा नवल किशोर यादव ने बताया कि बाजार मूल्य ज्यादा होने के करण किसान गेहूं पैक्स में नहीं बेच रहे हैं। वही डीसीओ मोतिहारी रामनरेश पाण्डेय ने बताया कि गेहूं खरीदने के लिए सभी पैक्स को आदेशित किया जा चुका है।

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