घटना दिन 3:30 बजे की बताइ जा रही है।
सूचना के बाद भी समय से नहीं पहुंची पुलिस।
बैरिया से अजहर आलम के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
बैरिया(पच्छिम चम्पारण) थाना क्षेत्र के आसाराम पटखौली के नजदीक बाथना घाट के समीप गंडक नदी में नहाने के क्रम में दो बच्चों की डूबकर मौत हो गई। घटनास्थल पर उपस्थित लोगों से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि दोनों लड़के मियांपुर तिलंगई से नहाने के लिए घाट पर आए हुए थे और नहा रहे थे। अचानक दोनों बच्चे गहरे पानी में चले गए और डूब कर पानी में नीचे रह गया।
उन लड़कों के साथ और लड़के जो नहाने आए हुए थे उन लोगों ने बताया कि वे तैरना नहीं जानते थे एक बच्चा जब डूब रहा था तो दूसरा बच्चा उसे बचाने गया और वह भी डूब गया। पूछे जाने पर बताया की एक का नाम जफर तथा दूसरे का नाम जाहिद है। बताते चलें कि प्रतिवर्ष इस घाटपर 2 से 4 बच्चे डूब कर मरते हैं और पुलिसप्रशासन केवल कागजी कर खानापूर्तिकर काम चला लेती है।
लोगों का मानना है कि बैरिया थाना क्षेत्र में नदी घाट की बंदोबस्ती पिछले 12 वर्षों से नहीं हुई है, जिसको जहां इच्छा करता है वही घटाहा और नाव बनवाकर घाट चलाने लगता है। घाट की जवाब देही किसी व्यक्ति पर नहीं है और नहीं अंचलाधिकारी या थाना प्रभारी इसकी जवाब देही लेते है। नतीजतन बैरिया थाना क्षेत्र का सभी घाट बिना माई बाप का है। इस प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह संपूर्ण दियारा इलाका भगवान भरोसे चल रहा है।
एक दशक पूर्व में सूरजपुर घाट पर इसी तरह की घटना घटी थी, और स्थानीय सांसद शोक व्यक्त करने पहुंचे थे, उसे समय उन्होंने कहा था कि मैं सभी घाटों को छोटे-छोटे रूप में बंदोबस्त करा कर व्यवस्थित कर दूंगा। लेकिन आज तक 12 वर्ष बीतने के बाद भी बैरिया थाना क्षेत्र में किसी घाट की बंदोबस्ती नहीं हो पाई है। अगर बैरिया थाना क्षेत्र में पड़ने वाले सभी घाटों को छोटे-छोटे भागों में बाटकर बंदोबस्त कर दिया जाए और अलग-अलग जवाब दे ही दे दी जाए तो घाट चलाने वाले व्यक्ति की जवाब दे ही सुनिश्चित हो जाएगी। समाचार लिखे जाने तक गोताखोर या एनडीआरएफ का कोई टीम नहीं पहुंच पाई है।