महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से पत्रकार सत्याग्रह का शुभारंभ।

महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से पत्रकार सत्याग्रह का शुभारंभ।

Bettiah Bihar West Champaran

महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से पत्रकार सत्याग्रह का शुभारंभ।

गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी मिले पेंशन का लाभ, डीडीसी को सौंपा सीएम को संबोधित ज्ञापन।

पत्रकारों ने कहा: लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की हो रही उपेक्षा, पंचायत से संसद स्तर तक बने पत्रकार आयोग।

पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल डीडीसी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए, बेतिया कलेक्ट्रेट परिसर में सोमवार को पत्रकारों का एक दिवसीय धरना आयोजित।

बेतिया से वकीलुर रहमान खान की‌ ब्यूरो रिपोर्ट।

बेतिया(पच्छिम चम्पारण) महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में सोमवार को पत्रकारों ने गैर मान्यता प्राप्त एवं ग्रामीण पत्रकारों को पेंशन योजना का लाभ दिलाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर के समक्ष एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया।

धरना के उपरांत पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति की पश्चिम चंपारण शाखा के अध्यक्ष मधुकर मिश्रा के नेतृत्व में जिला पदाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

₹15,000 की पेंशन स्वागत योग्य, पर ग्रामीण पत्रकार वंचित।

ज्ञापन में कहा गया है कि बिहार सरकार द्वारा पत्रकारों की पेंशन राशि ₹6,000 से बढ़ाकर ₹15,000 प्रतिमाह करना सराहनीय है, परंतु यह योजना केवल “मान्यता प्राप्त” पत्रकारों तक सीमित है।
जिले, अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत स्तर पर कार्यरत हजारों पत्रकार आज भी इस योजना से पूरी तरह वंचित हैं।

पत्रकारों ने कहा कि बिहार में लगभग 30 से 40 हजार सक्रिय पत्रकार हैं, जो ग्रामीण समाज की आवाज सरकार तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। लेकिन इन्हें न वेतन, न पेंशन, न सुरक्षा, न स्वास्थ्य सुविधा — किसी का भी लाभ नहीं मिल रहा है।

इस के लिए सरकार और मीडिया संस्थान दोनों हैं जिम्मेदार।

पत्रकारों ने आरोप लगाया कि अधिकांश मीडिया संस्थान ग्रामीण पत्रकारों से खबरें तो लेते हैं, लेकिन उन्हें अपना “स्थायी पत्रकार” मानने से इंकार करते हैं।
कई पत्रकारों के पास न नियुक्ति पत्र है, न मान्यता; केवल चुनाव या सरकारी कार्यक्रमों में अस्थायी परिचय पत्र देकर खानापूर्ति की जाती है।

पत्रकारों की प्रमुख मांगें:-
1️⃣ पंचायत से लेकर संसद स्तर तक पत्रकार आयोग का गठन किया जाए।
2️⃣ सभी ग्रामीण एवं गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पेंशन योजना में शामिल किया जाए।
3️⃣ पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा योजना लागू हो।
4️⃣ आयोगों, समितियों और निर्णय प्रक्रिया में पत्रकारों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए।
5️⃣ पेंशन की पात्रता अवधि 20 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष, और उम्र सीमा 60 से घटाकर 50 वर्ष की जाए।
6️⃣ जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की अध्यक्षता में स्थायी समिति गठित की जाए, जो पात्र पत्रकारों की सूची तैयार करे।
7️⃣ छोटे और लघु समाचार पत्रों को सरकारी विज्ञापन व अनुदान की सुविधा दी जाए।

पत्रकार सत्याग्रह की चेतावनी
ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए, तो चंपारण की धरती से “पत्रकार सत्याग्रह” की शुरुआत की जाएगी. इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य एवं केंद्र सरकार की होगी. ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह जिला अध्यक्ष मधुकर मिश्र, प्रदेश से आए मनोज सिन्हा, वीरेश कुमार सिंह, आज के ब्यूरो चीफ प्रेमचंद पांडेय, गरीब दर्शन के ब्यूरो चीफ विनय कुमार, निरंकार भास्कर, रजी अहमद, राजकुमार पासवान संजय कुमार पांडे जितेंद्र कुमार बिट्टू रवि रंजन कुमार पांडे मनीष कुमार, प्रदीप दुबे, नंदकिशोर पांडे, वकीलुर रहमान खान, अभिषेक कुमार द्विवेदी, नरेंद्र तिवारी, राजन कुमार मिश्रा, विकास कुमार, रमेश ठाकुर, धर्मेंद्र श्रॉफ, कौशिक कुमार, नौशाद अहमद राणा प्रसाद गुप्ता शमशाद अजीज, संजय कुमार राव, राजकुमार मुखिया, सत्येंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, आदित्य कुमार दुबे, ताज खान, सुदामा द्विवेदी, आशीष कुमार पांडे, विजय शर्मा, सुग्रीव तिवारी, सुभाष कुमार, धनंजय भारती आदि सहित जिले के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के अनेक पत्रकार मौजूद रहे।

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