*जहरीली शराब से हुई मौतों के जिम्मेदार मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार को बर्खास्तगी को लेकर भाकपा माले ने किया पुतला दहन*

*जहरीली शराब से हुई मौतों के जिम्मेदार मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार को बर्खास्तगी को लेकर भाकपा माले ने किया पुतला दहन*

Bettiah Bihar

 

  • *जहरीली शराब जनसंहार के जिम्मेवार मद्द निषेध मंत्री को बर्खास्त करो*
  • बिहार में एक भी स्प्रिट कारोबारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं नीतीश सरकार जबाब दें!
  • *शराब माफिया–राजनेता–प्रशासन गंठजोड़ पर कार्रवाई करो*
  • *जहरीली शराब जनसंहार का उच्चस्तरीय जांच कराओ*
  • *मृतक परिजनों को 20 लाख का मुआवजा दो*

 

*बेतिया, न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान*

भाकपा माले ने राज्य स्तरीय प्रतिवाद के तहत बेतिया समाहरणालय गेट पर और सिकटा बाजार में नौतन थाना क्षेत्र के दक्षिणी तेलहुआ गांव में जहरीली शराब से दलित-गरीबों की हुई मौत के जिम्मेदार मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार को बर्खास्तगी को लेकर प्रतिवाद मार्च करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया!

भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सह अखिल भारतीय किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जहरीली शराब से दलित-गरीबों की हुई मौत राज्य में एक सामान्य घटना बन गई है. हमारी पार्टी ने नीतीश सरकार को बारंबार कहा है कि राजनेता-प्रशासन व शराब माफिया गठजोड़ के सरंक्षण में यह जहरीली शराब बनाया जा रहा है, लेकिन सरकार ने इस सच से मुंह छुपाया है. लगतार बिहार में जहरीले शराब से मौत हो रहीं हैं लेकिन एक भी स्प्रिट कारोबारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं किया है, नीतीश सरकार को जबाब देना चाहिए! यही वजह है कि दीवाली के दिन गोपालगंज व चंपारण में अब तक लगभग 36 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें अधिकांश गरीब समुदाय के लोग हैं. इसलिए इसकी पूरी जवाबदेही सरकार की बनती है.

हमारी पार्टी नीतीश कुमार से मांग करती है कि मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार को तत्काल बर्खास्त किया जाए और जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों को 20 लाख का मुआवजा दिया जाए. इसके लिए सरकार अपनी नीतियों में बदलाव करे.

राज्य में शराबबंदी की मांग एक लोकप्रिय मांग थी. उसे लेकर जबरदस्त आंदोलन हुआ था. तब जाकर कानून बना, लेकिन वह काला कानून ही साबित हुआ. शराब का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है, जहरीली शराब से लोग मारे जा रहे हैं. इसी साल तकरीबन 100 लोग जहरीली शराब की भेंट चढ़ गए. एक तरफ मौतें हो रही हैं और दूसरी ओर गरीबों को ही सजा दी जा रही है. यह शराबबंदी गरीबों पर कहर बनकर टूटा है. हमने बार-बार कहा कि शराब की बुरी लत वालों की आदत छुड़ाने के लिए सामाजिक अभियान चलाया जाए, नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएं, लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किये.

सरकार को राजनेता-प्रशासन-शराब माफिया गठजोड़ पर कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन आज तक एक शराब माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमारी मांग है कि इस गठजोड़ की उच्चस्तरीय जांच सरकार करवाई जाए और असली अपराधियों पर नकेल कसी जाए., सभा में माले नेता धर्म कुशवाहा, मनबोध साह, विनोद कुशवाहा,मुजम्मिल मियां, इन्द्रीस मियां, राजेन्द्र प्रसाद, हारून गद्दी, जोखू चौधरी, अली अनवर, संजय राम इनौस नेता सुरेन्द्र चौधरी आदि नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया

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