पश्चिमी चंपारण जिले के चनपटिया प्रखंड कार्यालय मे संचालित बुड्ढा पेंशन शाखा द्वारा जिन पेंशन धारियों को पेंशन का पैसा भुगतान अभी तक नहीं हुआ है उन से जमा कराया जा रहा है जांच के लिए अभिलेख

पश्चिमी चंपारण जिले के चनपटिया प्रखंड कार्यालय मे संचालित बुड्ढा पेंशन शाखा द्वारा जिन पेंशन धारियों को पेंशन का पैसा भुगतान अभी तक नहीं हुआ है उन से जमा कराया जा रहा है जांच के लिए अभिलेख

Bettiah चनपटिया

बेतिया /चनपटिया संवाददाता मुखलाल महतो कि रिपोर्ट

चनपटिया – स्थानीय प्रखंड कार्यालय में सभी पंचायत में 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को बिहार सरकार द्वारा बूढ़ा पेंशन देने का कार्य किया जाता है परंतु इधर इस योजना में कुछ गड़बड़ी आने के कारण विभागीय आदेश के अनुसार बूढ़ा पेंशन प्राप्त करने वाले व्यक्ति सहित नए अभ्यर्थियों की सारे अभिलेखों की जांच की जा रही है जिसको लेकर प्रखंड कार्यालय में संचालित बूढ़ा पेंशन शाखा में लोग 5:00 बजे सुबह से आकर अपना सुधार करा रहे हैं इतनी ठंडी के मौसम में लोगों को यह सुविधा सरकार द्वारा चलाया गया योजना 24 पंचायत का एक ही बार जांच का आदेश दिया गया है जो बार-बार भीड़ लगती है इतनी ठंड में बूढ़ी महिलाएं और पुरुष दोनों लोग एक साथ दूर-दूर पंचायतों से यहां आकर अपने अभिलेखों का जांच कराने काम करा रहे हैं मैं भी प्रखंड में कार्यरत कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि कभी सर्वर डाउन चल रहा है कभी लिंक नहीं है वहां उपस्थित महिलाएं एवं पुरुषों ने बताया कि अपने-अपने घरों से प्रखंड कार्यालय तक आने में काफी परेशानी होती है इसमें पेट्रोल की महंगाई से और कमर टूट जाता है दुख उस समय होता है जब लाभार्थी अपने घर से आते हैं और सरवर एवं लिंक नहीं रहने के कारण काम नहीं हो तो वापस खाली हाथ लौटना पड़ता है इतनी योजना लोगों के लिए सरकार द्वारा चलाया जा रहा है विधि व्यवस्था को क्या पब्लिक के पास पहुंच पाता है या नहीं देखना है इस ठंडी के मौसम में 2022 का नया साल नई उम्मीद के साथ कैसे रहते हैं लाभार्थीयो की दशा एवं दुर्दशा चनपटिया प्रखंड कार्यालय में कैसे हो रहा है कभी-कभी ऐसा भी देखने को मिलता है की कार्यालय में कार्यरत डाटा ऑपरेटरो को सिस्टम से काम समझ नहीं आता है डाटा ऑपरेटर इतनी लापरवाही से काम करते हैं की लाभार्थी परेशान हो जाते हैं सरकार तो हर योजना को स्वीकृत कर देती है लेकिन प्रत्येक लाभार्थी के पास क्या यह लाभ सभी लाभार्थियों तक पहुंच जाती है सरकार को क्या पतापता या यह केवल प्रखंड कार्यालय के कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है

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