सिकटा संवाददाता अमर कुमार की रिपोर्ट!
बेतिया / सिकटा- स्थानीय प्रखंड के बलथर पंचायत के आर्यानगर व बलथर गांव के लोगों के घर वापसी के तमाम अपीलें घरबार छोड़कर भागे लोगो केआगे ध्वस्त हो चुके है।
घटना के बाइस दिन बाद भी शनिवार को घर छोड़कर भागें लोग वापस नही आये। दोनों गांवों में अभी भी वीरानगी पसरी हुई है। गांव में श्मशान की तरह सन्नाटा है। माल मवेशियों के नाद व खुटों भी विरान है। सरकार के घर घर बिजली पहुंचाने की योजना रात में गांवों को उजाले तो कर रहे है ,लेकिन उसका उपयोग करने वाले घर पर नही है। घर के बाहर व अंदर सिर्फ दुधिया प्रकाश नजर आता है।
प्रत्येक साल विधि विधान से होने वाला अष्टमी की रात नवमी की दूर्गा माता की पूजा भी नही हुई। फिर नवमी के दिन सुबह में दुर्गा स्थान व खेतों में कडाही भी नही चढाया जा सकेगा। हलांकि बलथर व आर्यानगर के लोगों की समस्याओं को देखकर वाल्मीकिनगर के सांसद सुनील कुमार, राज्यसभा सांसद सतीशचन्द्र दुबे, विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव, कॉंग्रेस के जिला नेता यादवेन्द्र यादव आदि गणमान्य पुलिस के भय से घर छोड़कर भागे लोगों को घर वापह होने का अपील कर चुकें है।
सभी ने प्रशासन से बात कर निर्दोषों पर कार्रवाई नही करने की बात कही।लेकिन घर छोड़ कर भागे लोगों को पुलिस पर भरोसा नहीं है।उधर पुलिस भी निर्दोषों को नही पकड़ने की बात बता चुकी है। दोनों गांवों के खेतों में गेहूँ फसल भी पक कर तैयार हो चुके है। दलहन व तेलहन फसलों की तरह गेहूँ के भी नष्ट होने के उम्मीद कियें जाने लगें है।
आर्यानगर के रिटायर्ड शिक्षक सुनील प्रसाद, अमीन लालू साह, ओमप्रकाश प्रसाद, राबड़ी देवी, सुनैना देवी आदि ने बताया कि सभी लोग 19 मार्च घटना के एक दिन बाद रात पुलिसिया छापेमारी को भुल नही पायें है। जब तक जिलाधिकारी व एसपी एक साथ निर्दोषों की गिरफ्तारी नही करने व उनके नाम केस से निकाल नही दियें जाते तब तक उनका भरोसा पुलिस पर नही होगी। इधर मुखिया संघ भी लोगों को घर आने का अपील किया है।