स्वच्छ वातावरण के लिए प्रत्येक मनुष्य को जीवन में कम से कम दो पौधा लगाना आवश्यक।

स्वच्छ वातावरण के लिए प्रत्येक मनुष्य को जीवन में कम से कम दो पौधा लगाना आवश्यक।

Bettiah Bihar West Champaran
स्वच्छ वातावरण के लिए प्रत्येक मनुष्य को जीवन में कम से कम दो पौधा लगाना आवश्यक।

नगर निगम बेतिया के ब्रांड एंबेसडरो ने आम जनमानस की अपील।

स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन की रोकथाम, पॉलिथीन, सिंगल यूज प्लास्टिक के बर्तनों के बहिष्कार, बाल मजदूरी ,सीमा पार बाल व्यापार, बाल विवाह एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति के लिए छात्र छात्राओं ने लिया संकल्प।

बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।

बेतिया( पश्चिमी चंपारण) 01 दिसंबर 2023 शुक्रवार के दिन सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट,निगम निगम बेतिया एवं समाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वधान में में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी,कस्तूरबा गांधी, चंपारण के विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन , ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ भारत मिशन सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता , पश्चिम चंपारण जिला की स्थापना में अतुल्य योगदान देने वाले विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बेतिया पश्चिम चंपारण जिले के इतिहास पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला ।
इस अवसर पर ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ भारत मिशन सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद अधिवक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक ने संयुक्त रूप से कहा कि आज ही के दिन आज से 52 वर्ष पूर्व 01 दिसंबर 1971 को बिहार के तिरहुत प्रमंडल के चंपारण को पश्चिम चंपारण एवं पूर्वी चंपारण में नए जिले के रूप में स्थापित किया गया । 02 नवंबर 1972 को जिले को विस्तृत रूप प्रदान की गई ।पश्चिम चंपारण एवं पूर्वी चंपारण जिला अस्तित्व में आ गया ,लेकिन मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने में लगभग 5 वर्ष लग गए और 1976 में पूर्ण रूप से कार्य करना आरंभ कर दिया ।
इस अवसर पर श्री एजाज अहमद एवं डॉ अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रूप से कहा कि चंपा के पेड़ों जंगलों एवं प्राकृतिक सुंदरता से आच्छादित है।बेतिया पश्चिम चंपारण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाकाव्य काल में एवं पुराण में वर्णित है कि यहां के राजा उत्तानपाद के पुत्र ध्रुव ने चंपारण की धरती पर ज्ञान प्राप्त किया था। इसी धरती बेतिया पश्चिम चंपारण के ऐतिहासिक रामपुरवा अशोक स्तंभ के स्थान पर लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व महात्मा गौतम बुद्ध ने राजसी वस्त्र त्याग कर भिक्षु का वस्त्र धारण किया था एवं सत्य एवं ईश्वर की खोज में निकल चले थे। बेतिया पश्चिमी चंपारण की प्राकृतिक सुंदरता ने बेतिया चम्पारण की धरती पर महारानी विक्टोरिया के बड़े बेटे एडवर्ड 7 एवं इंग्लैंड के राजा जॉर्ज पंचम को क्षेत्र की यात्रा पर विवश किया था।इसी बेतिया पश्चिम चंपारण की धरती पर अंग्रेजों की अत्याचार एवं नील के अभिशाप से मुक्ति के लिए महात्मा गांधी ने 16 जुलाई 1917 को ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला एवं 17 जुलाई 1917 को ऐतिहासिक राज हाई स्कूल के प्रांगण में चंपारण जांच कमेटी के समक्ष लगभग 10000 से अधिक किसान , मजदूर एवं आमजन मानस में ने अंग्रेजों के अत्याचार एवं नील के अभिशाप से मुक्ति के लिए अपना बयान दर्ज कराया था। चंपारण जांच कमेटी के समक्ष बयान दर्ज करने में ऐतिहासिक मीना बाजार के व्यवसाईयों ने हम भूमिका निभाई थी।इस अवसर पर महर्षि बाल्मीकि, माता सीता, महात्मा गौतम बुद्ध, सम्राट अशोक ,राजा जनक , गयासुद्दीन ऐबक, महाराजा हरेंद्र किशोर सिंह, महारानी जानकी कुंवर , राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ,कस्तूरबा गांधी, आचार्य कृपलानी ,बतख मियां, शेख गुलाब, शेख शेर मोहम्मद, प्रजापति मिश्र, पीर मोहम्मद मुनीश,अकलु देवान, केदार पांडे जैसे अनेक विभूतियों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की ।
स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर डॉ एजाज अहमद, डॉ नीरज गुप्ता , डॉ अमानुल हक ने संयुक्त रूप से कहा कि स्वच्छ वातावरण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मनुष्य को जीवन में कम से कम दो पौधा लगाना आवश्यक है। इस अवसर पर नगर निगम बेतिया, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं अन्य गणमान्य लोगों को खादी के अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सरकार से मांग करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बेतिया पश्चिम चंपारण में विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय की स्थापना की जाए ताकि सत्याग्रह की जन्मस्थली बेतिया पश्चिम चंपारण में शिक्षा की रोशनी नई पीढ़ी तक आसानी से पहुंच सके। इस अवसर पर बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी शाहनवाज अली एवं डॉ अमित लोहिया ने कहा कि हमें संकल्प लेने की आवश्यकता है कि प्लास्टिक के बर्तनों के इस्तेमाल से कैंसर जैसे अनेक घातक बीमारी फैलने से रोका जा सके।
प्लास्टिक के बर्तनों के इस्तेमाल से प्लास्टिक के कण हमारे शरीर में आसानी से प्रवेश कर रहे हैं। जिनसे कैंसर जैसे घातक बीमारी आम हो गई है। इसे रोकना हम सबकी जिम्मेवारी है , ताकि स्वास्थ्य समाज के साथ ही स्वास्थ्य राष्ट्र का निर्माण हो सकता है ।इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ,बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं को प्लास्टिक के बर्तनों के इस्तेमाल से मुक्ति एवं अनेक सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति के लिए संकल्प दिलाया गया। इस अवसर प्रवक्ताओं ने सरकार से प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए 10000 क्षमता का आपदा क्लिनिक बनाने बेतिया राज के लगभग 5000 वर्षों के ऐतिहासिक दस्तावेजों एवं पांडुलिपियों को कंप्यूटराइज करने एवं बेतिया राज की जमीन पर बसे लोगों का सर्वेक्षण कराकर उन्हें कानूनी तौर पर बसाने की मांग की।

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