वीडियो कॉल कर देखा पति का मर्डर… जीजा से कराई हत्याः मोतिहारी में 17 कॉल ने खोला मर्डर का राज, जीजा-साली का 4 साल से था अफेयर
मोतिहारी: जीजा के प्यार में पागल साली ने अपने ही पति का बेरहमी से मर्डर करा दिया। जीजा को वीडियो कॉल कर पति को लाइव मर्डर में तड़पता देखा। वह जैसा बोलती, जीजा वैसा तड़पाता रहा। साली ने कहा कि प्राइवेट पार्ट कूच डालो तो जीजा ने ईंट से पूरा शरीर ही कूच डाला।
दोनों की शादी एक महीने पहले ही हुई थी। जीजा ने ही विवाह कराया था।पकड़ीदायल थाना क्षेत्र के सिरहा गांव में 30 अप्रैल को लाश मिली थी। मृतक की पहचान राजेश कुमार के रूप में हुई थी। पुलिस ने गुरुवार को मर्डर का खुलासा किया है। साली को गिरफ्तार किया गया है,
वहीं जीजा समेत अन्य फरार है।इस घटना के बाद जीजा फरार हो गया था और साली पति की मौत में वियोग का नाटक करने लगी। जीजा-साली के प्यार में 26 अप्रैल को हुए इस अपहरण का खुलासा करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन पति के मर्डर के लिए जीजा को 17 बार कॉल करना साली को महंगा पड़ गया। इसी कॉल से पूरे मामले का खुलासा हो गया।
जीजा ने साली से संबंध छिपाने के लिए कराई थी शादी
सिरहा के राजेश की शादी मधुबन थाना क्षेत्र के टीकम गांव निवासी शंभू प्रसाद की साली प्रियंका से हुई थी। प्रियंका से शंभू का अफेयर चार साल से चल रहा था। दोनों में इस कदर प्यार था कि शंभू चार साल से साली को अपने घर पर ही रखा था। इसकी जानकारी जब शंभू की पत्नी को हुई तो उसने सुसाइड करने की कोशिश की, लेकिन बच गई। शंभू ने घर में कलह के कारण प्लानिंग की और साली के लिए ऐसा रिश्ता ढूंढने लगा जिसमें लड़का बाहर रहता हो।
उधर, मुंबई में दवा का कारोबार करने वाले राजेश के बारे में पता चला तो प्लानिंग के तहत 7 मार्च 2024 को शंभू ने अपने ही घर से साली की शादी राजेश के साथ कर दी। शंभू को लगा था कि राजेश मुंबई चला जाएगा जिसके बाद साली को वह घर बुला लेगा, लेकिन राजेश मुंबई नहीं गया। जीजा-साली के रिश्ते का पता चलने के बाद राजेश और शंभू में तनाव हो गया। शंभू और उसकी साली प्रियंका ने मिलकर घटना का प्लान किया।
26 अप्रैल को जीजा ने मर्डर के लिए किया था अपहरण
26 अप्रैल को राजेश अपने चचेरे भाई की बारात में मुजफ्फरपुर के काटी थाना क्षेत्र के बकटपुर गया था। बारात से उसका उस समय अपहरण हो गया जब वह अपने पिता के साथ गाड़ी में बैठकर घर आने की तैयारी कर रहा था। साथी उमेश ने उसे धोखे से बुलाया और गाड़ी में बैठा लिया जिसमें पहले से ही शंभू सवार था। घरवालों ने कहा कि राजेश ने अपनी पत्नी प्रियंका को रात करीब दो बजे चार आदमी का खाना बना कर रखने को कहा था। इसके बाद प्रियंका ने उसकी लोकेशन भी पूछी थी कि वह कहां तक पहुंचा है। राजेश का मोबाइल मेहसी के बाद बंद हो गया। परिवार वालों को लगा कि राजेश बारात गया है, वापस आ ही जाएगा।
दो थानों की पुलिस के बीच उलझा मामला
जब सभी बाराती आ गए और राजेश नहीं पहुंचा तो परिजनों को चिंता होने लगी। काफी तलाश के बाद जब कोई सुराग नहीं मिला तो परिवार वाले पकड़ीदयाल थाना गए, लेकिन पुलिस ने घटना स्थल काटी का हवाला देकर मुजफ्फरपुर भेज दिया। जब राजेश के पिता काटी थाना गए तो वहां की पुलिस ने यह कह कर भेज दिया कि राजेश पकड़ीदयाल थाना का रहने वाला है, वहीं मामला दर्ज होगा। जब परिवार वाले दोबारा पकड़ी दयाल थाना पहुंचे तो एसडीपीओ सुबोध कुमार ने पुलिस को अलर्ट कर दिया और खुद सुराग लगाने में जुट गए।
जूते से हुई थी शव की पहचान
30 अप्रैल को राजेश का शव उसके घर से महज एक किलो मीटर दूर नदी किनारे झाड़ी से बरामद किया गया। शव को इस कदर कूचा गया था कि पहचान करना मुश्किल था। शव मिलने से सनसनी फैल गई। राजेश के शव की पहचान उसके जूते से हुई।
पत्नी के नाटक से किसी को नहीं हुआ संदेह
पति की मौत में प्रियंका ने ऐसा नाटक किया कि किसी को संदेह तक नहीं हुआ। राजेश का शव जब उसके दरवाजे पर पहुंचा तो प्रियंका दहाड़ मार-मारकर रोने लगी। उसका रो-रो कर बुरा हाल था। पुलिस उस हालत में प्रियंका से कुछ पूछताछ नहीं कर पाई।वहीं, पकड़ीदयाल एसडीपीओ सुबोध कुमार ने वैज्ञानिक तरीके से हत्या में शामिल लोगों की पहचान कर ली थी।
कॉल डिटेल के आधार पर राजेश की पत्नी प्रियंका से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका उसके जीजा शंभू से कोई बात ही नहीं हुई है। जब सीडीआर से चेक किया गया तो घटना की रात 17 से अधिक बार बातचीत के सबूत मिले। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो पूरे मामले से पर्दा उठ गया और उसने पूरी घटना कबूल कर दी।
जीजा के लिए पिता को छोड़ दिया था
प्रियंका का घर बेतिया में है, लेकिन वह पिछले चार साल से अपने जीजा शंभू के साथ मधुबन थाना के टीकम गांव में रह रही थी, हालांकि दोनों के प्रेम प्रसंग की कहानी शंभू की पत्नी को भी पता चल गई थी।