सेल्फ सफिसिएंट इको सिस्टम” बनाने हेतु करें समन्वित प्रयास।
ब्यूरो= रिपोर्ट, पश्चिम चम्पारण जिले के बहुत सारे कामगार एवं श्रमिक जिले तथा राज्य के बाहर जाकर कार्य करते हैं। इन कामगारों एवं श्रमिकों के लिए ऐसी व्यवस्था बनायी जाय ताकि इच्छुक लोग बाहर नहीं जाकर अपने यहां ही कार्य करें तथा अपना जीविकोपार्जन अच्छे तरीके से कर सके। इस हेतु सभी अधिकारियों को एक टीम बनकर “सेल्फ सफिसिएंट इको सिस्टम” डेवलप करते हुए इन कामगारों एवं श्रमिकों को अपने जिले में ही कार्य का अवसर देना होगा जिससे कि इनका उत्थान हो सके तथा इन्हें काम की तलाश में अन्यत्र नहीं जाना पडे़।
उक्त बातें जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने दिनांक-25.04.2020 को देर संध्या एनआईसी के सभागार में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि “श्रम की गरिमा“ को समझा जाय और इन श्रमिकों का देश के निर्माण में योगदान को सराहा जाय और उन्हें एक बेहतर जिन्दगी देने हेतु संकल्पित प्रयास किये जायें।
जिलाधिकारी ने कहा कि “सेल्फ सफिसिएंट इको सिस्टम” को फंक्शनल करने हेतु सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को कड़ी मेहनत करनी होगी। सभी विभागों को मिलकर एक कन्वर्जन्स माॅडल तैयार करना होगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों एवं कामगारों को लाभान्वित किया जा सके। लाॅकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में रोजी-रोटी की तलाश में गये कामगार एवं श्रमिक अपने जिले में आये हुए हैं। इनके समक्ष आज कई सारी परेशानियां हैं, जिसका समाधान करना अतिआवश्यक है। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को एक अद्यतन डाटाबेस तैयार करने का निदेश दिया है जिसमें बाहर काम करने वाले व्यक्ति जो इस जिले में आ गये हैं उनके बारे में विस्तृत जानकारी हो।
उन्होंने कहा कि वापस आये प्रवासी श्रमिकों की स्किल मैपिंग के साथ उनका डाटाबेस तैयार करने की आवश्यकता है। डाटाबेस में श्रमिक स्किल्ड हैं या अनस्किल्ड, इसका जिक्र हो। अगर श्रमिक स्किल्ड हैं तो किस-किस क्षेत्र में हैं। वहीं डाटाबेस में कामगारों एवं श्रमिकों के संदर्भ में विस्तृत जानकारी जैसे उनकी शिक्षा, पारिवारिक स्थिति, जमीन की उपलब्धता, मनरेगा जाॅब कार्ड, आयुष्मान भारत योजना का लाभ, राशन कार्ड, पीएम आवास योजना आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी अद्यतन हो।
उन्होंने श्रम अधिकारी को अविलंब सर्वे कर इससे संबंधित विस्तृत प्रतिवेदन संबंधित कोषांग को उपलब्ध कराने का निदेश दिया है। इसके साथ ही सभी कार्यकारी विभाग जैसे पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी, मनरेगा, योजना, भवन निर्माण आदि विभाग से साल भर का लेबर बजट उपलब्ध कराने तथा उनके द्वारा किन-किन प्रखंडों में कार्य कराया जा रहा है, से संबंधित विस्तृत प्रतिवेदन सुलभ कराने का निदेश दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि स्किल गैप को कम करने के लिए श्रमिकों को बेहतर प्रशिक्षण भी दिलाया जायेगा ताकि उन्हें कार्य करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े।
समीक्षा के क्रम में श्रम अधिकारी द्वारा बताया गया कि श्रमिकों के लिए बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। इन कल्याणकारी योजनाओं में भवन मरम्मति अनुदान योजना, साइकिल क्रय अनुदान योजना, औजार क्रय अनुदान योजना, मृत्यु लाभ, दाह संस्कार हेतु आर्थिक सहायता, लाभार्थी की चिकित्सा सहायता, विवाह के लिए वित्तीय सहायता, पेंशन, मातृत्व लाभ, विकलांगता पेंशन, पारिवारिक पेंशन, नकद पुरस्कार, शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता, वार्षिक चिकित्सा सहायता योजना सहित पितृत्व लाभ के नाम शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिन श्रमिकों के पास जाॅब कार्ड नहीं है उन्हें जाॅब कार्ड भी दिया जाय ताकि वे मनरेगा के तहत भी कार्य कर अपना जीविकोपार्जन कर सकें। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ अविलंब देना सुनिश्चित किया जाय। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही एवं अनियमितता कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। यह प्रयास जिले के बेहतर भविष्य के लिए और अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के उत्थान के लिए उनके मान-सम्मान के लिए अत्यावश्यक है और इसमें सबकों उत्साहपूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर अपर समाहर्ता, श्री नंदकिशोर प्रसाद, उप विकास आयुक्त, श्री रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह सहित अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।