हड़ताल अवधि का समंजन कर अविलंब वेतन भुगतान करे बिहार सरकार: प्रो रणजीत।

हड़ताल अवधि का समंजन कर अविलंब वेतन भुगतान करे बिहार सरकार: प्रो रणजीत।

Bihar West Champaran

ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया: बिहार शिक्षा मंच के संयोजक तथा सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लोकप्रिय प्रत्याशी, प्रो रणजीत कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को ईमेल से पत्र भेजकर मांग किया है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक के हड़ताल अवधि के समंजन संबंधी त्रुटिपूर्ण पत्र को निरस्त कर 22 दिन के समंजन संबंधी संशोधित पत्र निर्गत किया जाए तथा उत्क्रमित उच्च विद्यालय एवम नगर पंचायत के शिक्षकों का 4 माह के बकाये वेतन का अविलंब भुगतान किया जाय।

प्रो कुमार ने आगे कहा है कि 4 मई को संघ नेतृत्व एवम शिक्षा विभाग के बीच सम्पन्न सुनियोजित समझौते की अस्पष्टता की आड़ लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अपने पत्रांक 750 दिनांक 3-6-2020 के माध्यम से हड़ताल अवधि के समंजन हेतु जो पत्र निर्गत किया गया, उसमें 25 फरवरी से 24 मार्च तक के सभी 29 दिनों को हड़ताल अवधि माना गया है ,जबकि 9 से 11 मार्च तक होली का घोषित राजपत्रित अवकाश था तथा उक्त अवधि के अंतर्गत आनेवाले 4 रविवार की छुट्टी को भी कार्यदिवस मान लिया गया है, जो स्थापित नियम एवम परंपरा के प्रतिकूल है।हड़ताल अवधि अधिकतम 22 दिनों का होता है,।

पुनः माध्यमिक विद्यालयों में 18 मई से 10 जून तक घोषित ग्रीष्मावकाश है, लेकिन सरकार के निदेशानुसार शिक्षक 18 मई के पहले से ही विद्यालय जा रहे हैं और जिन शिक्षकों की सेवा क्वारेंटिंन सेंटरों पर लगाया गया, वे अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा भाव से काम कर रहे हैं,इसलिए18 से 31 मई तक लॉक डाउन में विद्यालय बंदी के आधार पर कार्यदिवस की गणना नहीं करना शिक्षकों के प्रति घोर अन्याय है।हड़ताल अवधि की त्रुटिपूर्ण गणना से स्पष्ट होता है कि शिक्षा विभाग का रवैया असंवेदनशील, बदले की भावना से प्रेरित तथा हठधर्मिता से ग्रसित है तथा सत्तापरस्त सुविधाभोगी संघ नेतृत्व सरकार के शिक्षक विरोधी कार्यों में परोक्ष सहयोगी की भूमिका में है अन्यथा शिक्षक इस कदर शोषित, प्रताड़ित एवम परेशान नहीं होते।
पुनः बिहार सरकार ने कोरोना महामारी संकट में समाज के हर तबके के जरूरतमंदों को आर्थिक राहत पहुंचाने का प्रयास किया है लेकिन दुर्भाग्यवश, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान योजना के तहत वेतन पाने वाले उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में कार्यरत माध्यमिक शिक्षकों को फरवरी 2020 से ही अर्थात विगत 4 माह से वेतन भुगतान नहीं हुआ है।इस संवर्ग के शिक्षकों को हमेशा 5-6 माह बाद वेतन मिलता है।

इसी तरह सारण जिला अवस्थित नगर पंचायत के शिक्षकों को भी आबंटन के अभाव में 4 माह से वेतन नहीं मिला है।यह शिक्षा विभाग की उदासीनता, प्रक्रियागत एवम व्यवस्थागत खामियां की पराकाष्ठा है।प्रो कुमार ने वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए शिक्षा सचिव से मांग किया है कि
(1)हड़ताल अवधि को 29 दिन मानकर समंजन संबंधी निर्गत पत्र को निरस्त करते हुए केवल कार्यदिवस की गणना के आधार पर 22 दिन के समंजन का संशोधित पत्र निर्गत किया जाए।
(2)18 मई से 10 जून तक घोषित 24 दिनों के ग्रीष्मावकाश से हड़ताल अवधि का समंजन किया जाए और हड़ताल अवधि का अविलंब वेतन भुगतान किया जाए।
(3)उत्क्रमित उच्च विद्यालयों के शिक्षकों का 4 माह से बकाया वेतन अविलंब विमुक्त किया जाए तथा इस संवर्ग के शिक्षकों को भी नियमित रूप से प्रत्येक माह वेतन मिले, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए।
(4)सारण जिला के नगर पंचायत के शिक्षकों के वेतन मद में तुरंत आबंटन उपलब्ध कराया जाए ताकि 4 माह से बकाया वेतन का भुगतान हो सके।
शिक्षकों को वाजिब मान सम्मान एवम वेतनमान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मूलाधार तो है ही,राज्य के चतुर्दिक विकास का संवाहक भी है।इसलिए शिक्षक सरकार के संवेदनशील रवैये के हकदार हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *