बेतिया श्रम कार्यालय के समक्ष लॉक डाउन नियमों का पालन करते हुए ऐक्टू ने दिया धरना।

बेतिया श्रम कार्यालय के समक्ष लॉक डाउन नियमों का पालन करते हुए ऐक्टू ने दिया धरना।

Bihar West Champaran

घरों को लौटे प्रवासी मजदूरों के लिये गृह राज्यों में रोजगार सुनिश्चित करो- ऐक्टू

हर प्रवासी मजदूर को राशन कार्ड और वोटर कार्ड; उनके परिवारों को मुफ्त आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा सुनिश्चित करो

ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया, 23 जून 2020 ऐक्टू सहित सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी – मालिक परस्त संशोधनों के खिलाफ, प्रवासी मजदूरों को स्थायी रोजगार की गारण्टी, न्यूनतम 500/- रुपए प्रति दिन मजदूरी, सभी मजदूर परिवार को प्रतिव्यक्ति 10 किलो अनाज, निर्माण मजदूर को लॉक डाउन अवधि तक के लिए 10000/- रुपये प्रतिमाह भत्ता और उनके नियमित अनुदान का भुगतान सहित 17 सुत्री मांगों को लेकर बेतिया श्रम कार्यलय के समक्ष धरना दिया, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के जिला संयोजक जवाहर प्रसाद ने कहा कि कोरोना लॉक डाउन के दौरान स्थानीय और प्रवासी मजदूर बेरोजगार होकर भुखमरी के शिकार हो गए हैं ।

जीवन चलाने के लिए इन्हें तत्काल स्थायी रोजगार की जरुरत है ।मगर दिल्ली- पटना की सरकार स्थायी रोजगार सृजन के बजाय श्रमिकों का पूर्व से प्राप्त कानूनी अधिकारों को छीनकर उन्हें स्थायी गुलाम बनाने के लिए 8 घंटे के कार्यदिवस की जगह 12 घंटे का कार्यदिवस और इसी तरह के अन्य मजदूर विरोधी कानून बनाने में सरकार मशगूल है । लॉक डाउन के जरिए आमलोगों की गतिविधि पर रोक लगाकर केंद्र सरकार द्वारा रेलवे, कोलिवरी, हवाई सेवा, बैंक, बीमा, रेल कारखाना, डिफेंस कारखाना आदि बड़े उद्योगों को पूंजीपतियों के हाथों सौंप देने का निर्णय लिया जा चुका है ।

      हमने प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचने की बार-बार मांग उठाई लेकिन सरकार द्वारा अमानवीय व्यवहार किया गया, जिससे सैकड़ों प्रवासी मजदूरों की जान चली गयी । मजदूरों की रोजी-रोटी छीनकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया जा रहा है । निर्माण मजदूरों के कल्याण बोर्ड में दो हजार करोड़ रुपए जमा है । बार – बार निर्माण मजदूरों को राहत देने के लिए 10 हजार रुपए मासिक अनुदान देने की मांग की गयी, लेकिन  पूरे लॉक डाउन के दौरान मजदूरों को कुछ भी नहीं दिया गया ।

आशा, आंगनबाड़ी, रसोइया और मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी जाती । हमारी मांग है कि मनरेगा सहित सभी मजदूरों व स्कीम कर्मियों को 500/- रुपए प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी दी जाय । अंत में 17 सुत्री मांग पत्र श्रमिक अधिक्षक बेतिया को सौपा इस मौके पर ताजूद्दीन मंसुरी, रिखी साह, अच्छे लाल कुशवाहा, राजकुमार, राजेश आदि लोग भी शामिल हुए

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