ब्यूरो रिपोर्ट, वकीलुर रहमान खान बेतिया: बिहार प्रदेश में गुजर-बसर कर रहे गद्दी जाती गुमनाम और सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक एवं राजनीतिक रूप से पिछड़ी जाति है जो अनुसूचित दर्जा दो में दर्ज है, जिसको लेकर विद्या ग्रामीण क्षेत्र के पूर्वी कर गहिया अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र के एक निजी आवास पर बुधवार को संपूर्ण बिहार प्रदेश के गद्दी समाज के प्रबुद्ध जनों की एक बैठक हुई जिसमें गद्दी समाज के उत्थान कैसे हो उस पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।
वहीं दूसरी ओर 2020 में बिहार प्रदेश स्तर पर मैट्रिक एवं इंटर परीक्षा में गद्दी समाज के प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए छात्र छात्राओं को सम्मानित एवं पुरस्कृत करने पर विचार विमर्श किया गया बताया जाता है कि 13 जुलाई 2010 एवं 14 सितंबर 2010 को बिहार के विभिन्न जिले के गद्दी समाज के लोगों ने दो चरणों में अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर आयोग के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा था,
जिसके आलोक में 16 अगस्त से 7 सितंबर 2011 7 सितंबर 2011 तक आयोग के 2 सदस्य खंडपीठ में शामिल शमसुद्दीन अंजार एवं जगन्नाथ प्रसाद द्वारा हर गांव में जाकर स्थल निरीक्षण किया गया था जो आज भी लंबित है।
ऑल इंडिया गद्दी समाज के प्रदेश अध्यक्ष इमामुद्दीन गद्दी नौशाद अंजुम बरकात अहमद अब्दुल करीम मोहम्मद आलम नसरुद्दीन गद्दी मोहम्मद शरीफ आलम असलम गद्दी हसमुद्दीन गद्दी साधु गद्दी मुर्तुजा गद्दी आशिक इजहार अजहर गद्दी सहित सैकड़ों की संख्या में गद्दी समाज के लोग उपस्थित रहे।