घोड़ासहन पूर्वीचम्पारण:
जदयू के पूर्वी चंपारण जिले के किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष एवं ढाका विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रामपुकार सिन्हा ने पटना में रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा का समक्ष रालोसपा का दामन थाम लिया है, बताया जाता है कि ढाका विधानसभा सीट जदयू के खाते में नही आने से वह काफी नाराज चल रहे थे इसी कारण से वह रालोसपा जॉइन किये है, विगत कई दिनों से हैं वह पटना का चक्कर काट रहे थे, और आखिर में श्री सिन्हा की आपसी अपने पुराने घर में हो गयी, अगर जिले में रामपुकार सिन्हा की बात करे तो वह किसी परिचय के मोहताज नही.श्री सिन्हा ने पिछले विधानसभा चुनाव में शिक्षक की नौकरी त्याग चुनाव मैदान में लड़ने का फैसला कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया था।
राम पुकार सिन्हा के राजनीतिक इतिहास पर गौर करें तो उन्होंने अपना राजनीति रालोसपा से शुरू किया था पर 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में रालोसपा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने ढाका विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था.उस चुनाव में करीब बीस हज़ार मत हासिल हुआ था.वही कुछ सालों पूर्व उन्होंने जदयू का दामन पटना में थामा था.इनके द्वारा विधानसभा क्षेत्र में जोरशोर से जनसंपर्क अभियान भी चला रहे थे।
एवं प्रत्येक बूथ पर अपनी पकड़ भी मजबूत कर रहे थे.वे वर्तमान में जदयू के पूर्वीचम्पारण जिले से किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष एवम जदयू राज्य परिसद के सदस्य भी थे.लेकिन आखिरी वक्त पर चुनावी टिकट कट जाने से श्री सिन्हा काफी नाराज चल रहे थे उन्होंने शुक्रवार को पटना में पुनः अपने पुराने घर रालोसपा का दामन थाम लिया, दूरभाष हुए बातचीत में उन्होंने बताया कि ढाका विधानसभा के 467 बूथ पर इसबार ढाका विधानसभा क्षेत्र के मतदाता मालिक भाग्य का फैसला करेंगे. बड़े-बड़े पार्टियों का चुनावी टिकट बिक गया लेकिन मतदाता मालिक बिकने वाले नही है.उन्होंने मतदाताओं पर भरोसा जताते हुए बताया कि इस बार मतदाता मालिक उनके पक्ष में मतदान करेंगे एवं ढाका विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सौपगे ।।