
बंदरा, मुजफ्फरपुर : भगवान तब प्रेम करते है, जब हमारे पास कुछ नही रह जाता है। संसार तो अपने स्वार्थ के लिए प्रेम करता है।केवल भगवान का संबंध ही सास्वत है, संसार में संबंध नही अनुबंध होते है। जब तक हम ईश्वर से संबंध नही बनाएंगे तब तक ईश्वर को प्राप्त नही कर सकते है। अपने जीवन मे कोई भी प्राणी कितना भी पढ़-लिख कर ज्ञान प्राप्त करले, जब तक जीवन मे सीताराम के चरणों की भक्ति नही मिलती तब तक जीवन मे शांति की प्राप्ति नही हो सकती।
उक्त बातें जगतगुरु श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज ने मतलुपुर के बाबा खगेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीराम कथा के दौरान कही।उन्होंने कहा कि भगवान गुण से रहित हो ही नही सकते। जैसे जल से मधुरता को अलग नही कर सकते, वायु से स्पर्श को अलग नही कर सकते, पृथ्वी को गंध से अलग नही कर सकते उसी प्रकार भगवान को छोड़ कर गुण कही जा ही नही सकते। दूसरे दिवस की कथा में जगतगुरु ने अहिल्या उद्धार, तारका संहार की भी कथा प्रसंग को विस्तार से श्रवण कराया।
कथा शुरुआत से पहले मुख्य अतिथि अशोक कुमार सिन्हा (पूर्व मुख्य सचिव, बिहार सरकार) ने जगतगुरु को माल्यार्पण एवं अंगवस्त्र देकर अभिनंदन किया। कथा की शुरुआत छात्रा अंजलि द्वारा मंगलगान कर की गई। मुख्य यजमान के रूप में राहुल कुमार और सीमा कुमारी थे।कथा श्रवण को सैंकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मौके पर शांति और सुरक्षा व्यस्था को लेकर न्यास समिति के पारसनाथ त्रिवेदी, बैद्यनाथ पाठक, रामसकल कुमार, रामकुमार त्रिवेदी,वीरचन्द्र ब्रह्मचारी, मतलुपुर मुखिया पति अशोक कुमार समेत हत्था ओपी की पुलिस बल मौजूद थी।