पूर्वी चंपारण:- घोड़ासहन/ लॉक डाउन के दौरान भारत नेपाल सीमा को पूरी तरह से लॉक कर दिया गया। लोगों के आवाजाही पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इसमें सीमा सुरक्षा बल और बिहार पुलिस के कार्य काफी सराहनीय है।
सीमा पर कड़ी पहरे का बावजूद खुली सीमा होने के कारण प्रतिदिन भारी संख्या में नेपाल के काठमांडू व अन्य शहरों से आये हुए भारतीय मजदूर प्रवेश कर रहे है। दिनांक 30/03/2020 को एक ही दिन में कोरैया, जमुनिया और पीठवा में लगभग दो दर्जन लोग प्रवेश कर गए और लॉक डाउन के नियमों की धज्जियां उड़ा दी।
वे लोग लॉक डाउन के दौरान किसी भी नियम का पालन नही कर रहे है। गाँव में खुलेआम घूम रहे है । झरौखर पंचायत अंतर्गत मध्य विद्यालय जमुनिया में आइसोलेशन सेंटर होने के बावजूद बाहर से आये वहाँ एक भी व्यक्ति को आइसोलेट नही किया गया है।वे लोग अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में है।इस संदर्भ में हमारा संवाददाता स्थानीय मुखिया और जनप्रतिनिधियों से संपर्क करके स्थिति का जायज़ा लिया।
मुखियापति वीरेंद्रनाथ सक्सेना और उपमुखिया रामनरेश कुशवाहा ने बताया कि बाहर से आये लोगों की सूचना वरीय पदाधिकारी को दे दी गयी है! स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर के टीम आयी थी सभी को 14 दिन के लिए आइसोलेशन सेंटर अथवा। घर पर ही अलग रहने की सख्त हिदायत दी गयी।लेकिन वे लोग मानने को तैयार नही है।
इस पर अभी तक कोई ठोस कारवाई नही हुई है ।ऐसे परिस्थिति में समाज व देश की सुरक्षा खतरे में है यदि इसपर संज्ञान नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में सीमा क्षेत्र का यह पूरा इलाका इस भयंकर महामारी के चपेट में आ जाएंगा।