पूर्वी चंपारण: मामला पूर्वी चंपारण जिले के बनकटवा प्रखंड अंतर्गत बिजबनी पूर्वी पंचायत अठमोहान गांव की है जहाँ राशन कार्ड होते हुए भी गरीबों को नही दिया जाता है राशन।
एक तरफ कोरोना महामारी संकट से पूरा देश खौप में जी रहा है लोग एक दूसरे के मदद को आ रहे है, तो वही दूसरी तरफ डीलर शिकेंद्र राम एव खुशीलाल साह ने पांच वर्षो से उपभोगताओं का राशन खाते आ रहे है, मगर इनकी पाचन शक्ति को दाद देनी होगी भूख ऐसी है जो मिटने का नाम नही ले रही।
इस संकट की घड़ी में देश के प्रधान सेवक के द्वारा फ्री राशन देने की घोषणा कर दी गयी है लेकिन मानवता के दुश्मन डीलर लोगों को पैसा लेकर भी राशन देने को तैयार नही है।
यह वैसे गरीब है जिनके पास न खाने के लिए दो वक्त की रोटी न रहने के लिए घर यह है।
मज़दूरी करके ये लोग जैसे-तैसे अपने पेट की आग को बुझाते है। लेकिन लॉक डाउन के कारण उन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नही हो रही है।
उनकी बदहाली को देखकर इंसान को छोड़िये, भगवान भी रो दे। लेकिन यह डीलर साहब उन्ही का निवाले को बेंचकर अपना बैंक बैलेंस बढ़ रहे है।
गरीबो का दर्द आमिर भले समझे न समझे मगर गरीब का दर्द गरीब ही समझता है। जब पेट में भूख रूपी आग लगी तो लोगों ने अपना दुखड़ा बिडिओ साहब को फोन से सुनाई साहब ने गांव में आने का आस्वासन दिया, राह देखते-देखते लोगों की आंखें पथरा गयी लेकिन साहब अपना आना मुनासिब नही समझें।
इस मामले को लेकर बिजबनी पूर्वी पंचायत मुखिया मेनका देवी, सरपंच पूनम देवी, उप मुखिया सिकंदर महतो,वार्ड सदस्य रामाधार साह, समेत सैकड़ो लाभुकों के द्वारा कई बार शिकायत भी की गई लेकिन कोई सुनने को तैयार नही।
डीलर साहब इतने बड़े बाहुबली है कि अब इनका खिलाफत कोई नही करता।
जब एक सामाजिक कार्यकर्त्ता गगनदेव पण्डित डीलर साहब के खिलाफ शिकायत की तो उनके ऊपर SC/ST एक्ट का झूठा मुकदमा ठोक दिया गया। तब से ग्रामीण उनके खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत नही करते।
अब ऐसे हालात को देख कर यही लग रहा है कि भले करोना से मौत हो न हो लेकिन भुखमरी से लोग जरूर मर जायेंगे।