बेतिया जीएमसीएच का स्वास्थ्य सेवा बना ढकोसला, वहीं दूसरी ओर बना दलालों का अड्डा।
अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक नर्स,अस्पताल कर्मी दलालों के चंगुल में।
बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
बेतिया (पच्छिम चम्पारण)
जिला का गौरव कहे जाने वाला बेतिया सरकारी मेडिकल कॉलेज सह सदर अस्पताल, अब केवल नाम का गौरव रह गया है।यह अस्पताल समय-समय पर खुद अचानक बीमार हो जा रहा हैं,नित्यदिन इस अस्पताल में मानवता शर्मशार होती है,साथ ही इसअस्पताल के चिकित्सक,नर्स, एवं अस्पताल कर्मी दिन प्रतिदिन माला- माल होते हैं। इन दिनों एक प्रसूता की मौत पर जब परिजनों ने शिकायत करनी चाही,तो उन्हें न्याय की जगह लाठियां मिलीं।अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों ने उन पर हमला कर दिया। क्या यह वहीअस्पताल है जहां मीडिया कवरेज पर पाबंदी है क्योंकि सच्चाई बाहर आती थी।पत्रकार,अस्पताल की कुव्यवस्था को दिखाने की कोशिश करता है,उसके साथ मारपीट की जाती है।
अस्पताल की सुरक्षा एजेंसी के खिलाफ थाने मेंआर्म्स एक्ट का केस दर्ज है,फिर भी उन्हें ठेका कैसे मिला? यह एक बड़ा सवाल है? इस अस्पताल में दिनदहाड़े दलाल खुल्लमखुल्ला सक्रिय रहते हैं।सरकारी एंबुलेंस होते हुए भी मरीजों को प्राइवेटअस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है।मरीजों को स्ट्रेचर तक नहीं मिलता,मासूम बच्चे अपने परिजन को स्ट्रेचर पर खींचते है,क्या यही है करोड़ों की स्वास्थ्य व्यवस्था वाली अस्पताल? इसी सब बिंदुओं को लेकर,जनसुराज के कार्यकर्ताओं ने जमकर अस्पतालअधीक्षक,डॉ.सुधा भारती का पुतला फूंका,साथ ही बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।