चंपारण रेंज के बगहा पुलिस अंतर्गत रामनगर स्कूली बच्चे को अवैध हिरासत।
नाबालिक बच्चे को अवैध हिरासत में रखने का आरोप।
रामनगर से ठाकुर रमेश शर्मा के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट!
रामनगर (पश्चिमी चंपारण) डीएसपी के पद पर पदोन्नति का खबर सुनकर रामनगर थाना प्रभारी बौखला गए हैं। आए दिन रामनगर पुलिस अनुमंडल के रामनगर थाना में लोगों को अवैध रूप से फंसा कर खूब रिश्वत वसूल रहे हैं। रामनगर थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक अनंत राम अब तक सैकड़ो लोगों को अपना निशाना बना चुके हैं। कह रहे हैं की थानेदार की चंद दिनों की थानेदारी है अब तो कुछ जाने का खर्च भी वसूल कर लूं। इसी प्रकार का एक मामला भावल पंचायत में सुनने को मिली है । भावल सरकारी हाई स्कूल में एक अल्पसंख्यक मासूम सैफुल्लाह उर्फ 13 वर्ष के दो छोटे-छोटे बच्चे आपस में झगड़ा, कहासुनी किया इस पर किसी ने पुलिस को सूचित कर दिया था जिस पर बिना लिखित शिकायत पर रामनगर थानेदार ने उस अबोध नाबालिक 13 वर्षीय बच्चा सैफुल्लाह पिता – शेख अफसर
ग्राम- धनरपा
वार्ड नंबर – 4 भावल को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया तथा लगातार तीन दिनो से उसे गिरफ्तार कर अवैध हिरासत में रखे हुए हैं।
इससे बड़ा मानव अधिकार उत्पीड़न और क्या होगा?
थाना प्रभारी लगातार बोलते सुने गए हैं कि मेरी पैठ सीधा डीआईजी जयंत कांत से है ।
जबकि इस समय बेतिया चंपारण रेंज बेतिया के डीआईजी विकास वर्मन जी प्रभार में हैं। इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक जो प्रभार है राजेश कुशवाहा उन्होंने खुद इस थानेदार से आरजू मिन्नत किए कि इस बच्चे को छोड़ दें , तो अनंत राम इंस्पेक्टर ने कहा कि – मास्टर तुम लिख कर दो कि हमारे स्कूल में यह लड़की, बच्चियों के साथ छेड़खानी कर रहा था ।
भावल पंचायत के अल्पसंख्यक पूर्व मुखिया शाहीन आरा खातून के पति तथा राष्ट्रीय जनता दल के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष महान समाजसेवी भाई शेख रैफूल आजम ने अपने बयान में उपरोक्त सारी बातों की जानकारी देते हुए कहा कि अगर चंपारण रेंज के डीआईजी ने इस प्रकरण में संज्ञान नहीं लिया तो हम एवं हमारा अल्पसंख्यक समाज डीजीपी आर एस भट्टी साहब से मिलकर उन्हें शीघ्र हटाने की मांग करेंगे ।क्योंकि इस समय लगभग सभी अधिकारी रामनगर में दलित समुदाय के इकट्ठे हो गए हैं । उस पीड़ित बच्चे के परिजनों के साथ शुभ चिंतकों ने बताया की इस प्रकरण में एक लाख रुपए की उगाही की गई है रिश्वत के रूप में तथा धमकाकर माता पिता से कहा गया है की यह बात किसी को मत बताना ।
क्योंकि हम रंगदार थानेदार हैं तथा अनुसूचित जाति के है अपने तरफ से दलित उत्पीड़न का मुकदमा कर देंगें । जिस वजह से परिवार वाले काफी भयभीत हैं।इस थानेदार के द्वारा प्रतिदिन वाहन जांच के नाम पर अवैध वसूली कर के कुछ को छोड़ा जाता है तथा कुछ एक का चलान भी किया जाता है।