नवादा , भागलपुर ,मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिला मे होने वाले मगही पान , जर्दालु आम , कतरनी चावल , लिच्ची और मखाना के बाद प•चम्पारण के मर्चा धान को मिला जीआई टैग
बेतिया से वकीलुर रहमान खान की बयूरो रिपोर्ट!
बेतिया ( पश्चिमी चंपारण)
बिहार के प•चम्पारण जिला के रामनगर , गौनाहा , सिकटा , मैनाटाड और लौरिया प्रखंड मे ही होने वाले मर्चा धान को जीआई टैग मिलने पर आज प•चम्पारण के जिला पदाधिकारी , जिला कृषी पदाधिकारी सहीत कृषी वैज्ञानिक ने बेतिया समाहरणालय मे प्रेस कांफ्रेंस कर बताया की बिहार के सिर्फ प•चम्पारण जिला मे ही मर्चा धान का उत्पादन होता है । इसके उत्पादन मे काफी कम लागत लगती है और काफी उत्तम गुणवत्ता का मर्चा धान होता है । कृषी वैज्ञानिक माधोपुर के धीरु कुमार तिवारी ने बताया की इस धान के नाम का भी पौराणिक ईतिहास रहा है । इसका नाम जिस तरह छोटे व गोल मर्चा काफी तिखा होता है उसी प्रकार मर्चा धान भी छोटा व गोल होता है । जिससे इसका नाम मर्चा धान पडा है । वही इस संबध मे प्रेस कांफ्रेंस मे जिला पदाधिकारी ने बताया की इस धान के लिये जिला प्रशासन भी तीन साल से लगी थी आज इस धान को जीआई टैग मिली है । इस धान का चावल व चूडा बनाया जाता है जो की काफी सुगंधित होता है । सबसे ज्यादा मर्चा धान का चूडा की मांग बिहार सहीत भारत के अन्य राज्य मे काफी मांग है । यहा तक की विदेशी मे भी इस चूडा का डिमांड है । इसका चूडा छह माह तक खराब नही होता है । वही इस चूडा के उत्पादक किसान समूह को जिला पदाधिकारी ने किसान आनंद सिंह सहीत कई किसान को सम्मानित किया ।