सिकटा से अमर कुमार की रिपोर्ट, सिकटा ( पश्चिमी चंपारण)
लोकआस्था का महापर्व छठ को लेकर इनदिनों बाजार में चहल पहल तेज हो गई है।इस पर्व के लिए पूजन सामग्रियों की बिक्री के लिए दुकानें सज गई है।हालांकि की अर्घ में देने के लिए आदि का भाव मे काफी तेजी आई है।जानकारी के मुताबिक आदि ढाई सौ रुपये किलो बिक रही है।हालांकि महंगाई की मार भी छठव्रतीयो के उत्साह को फीका करने में असफल साबित हो रहा है।पूजा में प्रयोग में आने वाली ग्रामीण इलाकों की प्रसिद्ध व शुद्ध मिठाई में गिने जाने वाले बताशा की बिक्री भी खूब होती है।यह मिठाई ग्रामीण इलाकों में बेटी बहुओं के बिदाई में भी सनेष के रूप में लिया दिया जाता है।इस मिठाई के बनाने वाले कारीगर प्रमोद हलुवाई, सोनू मोदनवाल महिला कारीगर अंजुला देवी आदि ने बताया कि बताशा का इतिहास करीब डेढ़ शतक पुराना है।यह आज भी ग्रामीण इलाकों में प्रचलित मिठाईयों में गिना जाता है।शादी ब्याह से लेकर पूजा पाठ में भी काम आता है।इसमे किसी प्रकार की कोई मिलावट नही होता है जिससे यह शुद्ध मिठाई के रूप में भी जाना जाता है।
