कृषि भवन से महज एक किलोमीटर पर धधक रही गेहूं की पराली, कृषि विभाग मौन!

कृषि भवन से महज एक किलोमीटर पर धधक रही गेहूं की पराली, कृषि विभाग मौन!

Bettiah Bihar West Champaran

कृषि विभाग के कर्मियों और अधिकारी कि मिली भगत से क्षेत्र में जल रही पराली!

कागजों में सिमट कर रह गई जागरूकता अभियान!

बेतिया से वकीलुर रहमान खान की‌ ब्यूरो रिपोर्ट।

मैनाटाड ( पच्छिम चम्पारण)
मैनाटांड प्रखंड के कृषि विभाग के कर्मी व अधिकारी कितना लापरवाह है इसका जीवंत प्रमाण खेतों में उठने वाली आग की लपटे को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है। किसान भवन से महज एक किलोमीटर की दूरी पर जल रही है पराली। शनिवार की देर रात को मैनाटांड थाना क्षेत्र के टोला चपरिया पंचायत के रमपुरवा गांव के पूरब सरेह में निधड़क पराली जलाई जा रही है।

इसका सीधा मतलब यह है कि किसानों को कृषि कर्मियों के द्वारा जागरूक नहीं किया गया है। ताकि किसान समझे की पराली जलाने से पर्यावरण को नुकसान होने के साथ-साथ उर्वरक शक्ति को भी नुकसान पहुंच रहा है, जमीन बंजर हो जाता है। पराली जलाने पर मानव जीवन में सांस लेने की समस्या, आखों में जलन,

गले की समस्या प्रमुख है। जमीन में पाए जाने वाले लाभकारी मित्र कीट का सफाया हो जाता है। इधर बता दें कि महज 15 दिन के अंदर पराली जलाने से चिंगारी उड़ कई किसान के फसल जल कर राख हो गया। कई झोपड़ीनुमा घर जल गये। फिर भी कृषि अधिकारी बेपरवाह बने है। इधर दार्जनाधिक किसानों ने बताया की मैनाटांड कृषि कार्यालय से कोई नहीं आते है जिसे हम सभी किसान जान सके की पराली जलाने का नुकसान और ना जलाने से लाभ क्या है।

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