हक दो वादा निभाओ नारा के साथ अंचल कार्यालय पर भाकपा माले ने किया प्रदर्शन!

हक दो वादा निभाओ नारा के साथ अंचल कार्यालय पर भाकपा माले ने किया प्रदर्शन!

Bettiah Bihar West Champaran

94 लाख परिवारों को बिहार लघु उदयम योजना के तहत एक मुस्त दो लाख देने की किया मांग!

नितीश- मोदी पुरा करो ऐलान, 5 डिसमिल आवासीय जमीन और पक्का मकान!

बेतिया से वकीलुर रहमान खान की‌ ब्यूरो रिपोर्ट।

बेतिया (पच्छिम चम्पारण)
भाकपा माले द्वारा हक दो वादा निभाओ अभियान के तहत सभी गरीबों को 5 डिसमिल आवासीय जमीन, पक्का मकान, बिहार लधु उद्यमिय योजना के तहत एक मुस्त दो लाख रुपये देने, आदि सवालों को लेकर विशाल प्रदर्शन किया।

भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुनील कुमार राव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार खुद जातिगत और आर्थिक सर्वेक्षण कराया है जिससे बिहार में मौजूद महा गरीबी उजागर हुआ था, सर्वेक्षण में 94 लाख से अधिक परिवारों की मासिक आय 6000 रूपये से कम है,

इस महा गरीबी से उबरने के लिए प्रति परिवार को दो लाख देने की घोषणा की है, मगर सरकारी आकड़े कहते हैं कि बेतिया अंचल में अभी तक मात्र 5 लोगों को इस योजना का लाभ मिला है। ठीक इसी प्रकार भूमिहीन परिवारों को 5 डिस मिल जमीन देने की घोषणा, केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा सभी गरीबों को पक्का मकान देने जैसे योजना का लाभ भी गरीबों को नहीं मिला है,

न जमीन मिला न पक्का मकान? आगे कहा कि मोदी के तरह जुमले बाजी नितीश कुमार को नहीं करने दिया जाऐगा।
भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सह RYA जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि प्रदर्शन के माध्यम से निम्नलिखित मांग करते हुए कहा कि उम्मीद है कि अंचल प्रसाशन और पटना- दिल्ली की सरकार जनता के समस्याओं का सहानुभूति पूर्वक विचार कर समाधान करेगी ताकि गरीब जनता को लाभ मिल सकें। अगर सरकार जनता के साथ विशवासघात किया तो अगामी चुनाव में जनता भी जनविरोधी सरकारों को उलट देगी,
माले जिला कमिटी सदस्य सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि नितीश सरकार कभी भूमि सुधार के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर डी बन्धोपधयाय आयोग का गठन किया, सर्वे रिपोर्ट भी आया मगर रिपोर्ट आने के बाद कुडेदान में फेंक दिया, अभी जातिगत और आर्थिक सर्वेक्षण किया गया इस रिपोर्ट में महा गरीबी को दो लाख देने की बात हुई उसे भी ठंढा बसते में डाल दिया है,

अब फिर जमीन का सर्वेक्षण सुरू हुआ है इसमें भी गरीबों को उजाड़ने का खतरा मंडराने लगा है क्योंकि जो गरीब सरकारी जमीन पर सैकड़ों वर्षों से बसें है उनके पास सरकार ने कोई कागज नहीं दिया है आज कागज मांग रहा है, सरकार की मंशा गरीब विरोधी है।
अंत में भाकपा माले का प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों द्वारा अंचल कार्यालय को निम्नलिखित मांग पत्र एक हजार आवेदन सौपा गया जो इस प्रकार हैं:-
1- प्रति माह 6000 से कम आय वाले सभी इच्छुक परिवारों को आय प्रमाण पत्र दिया जाये और बिहार लघु उदयमी योजना की राशि दो लाख एक मुस्त दिया जाए। आवेदन करने की प्रक्रिया ऑफ लाइन भी किया जाए।
2- शेखवना मठ टोला ल गया टोला, शेखवना दक्षिण टोला के दलितों के मिले पर्चे वाली जमीन जिसपर दखल कब्जा है का खारिज दाखिल कर रस्सीद काटा जाए। अंचल में पहले से ही आवेदन पत्र दिया गया है।
3- जिस सरकारी जमीन पर दलित और महादलित परिवार सैकड़ों वर्षों से बसें हुए हैं उन्हें कानूनी अधिकार दिया जाये। उन्हें दबंगों द्वारा विस्थापित करने की कोशिश लगतार जारी है। जैसे गनौली मुसहर टोली के साथ हर साल कुछ न कुछ विवाद बनाया जाता है।
4- राज्य और केन्द्र सरकार के घोषणा के मुताबिक गरीब परिवारों को 5 डिसमिल आवासीय जमीन और पक्का मकान दिया जाये।
5- बेतिया राज की जमीन में बसें हजारों परिवारों को बिहार कोर्ट ऑफ वार्ड्स एक्ट, 1947 की धारा 32: इस धारा के तहत गरीबों और भूमिहीनों को जमीन पर विशेष कानूनी प्रावधान किया जाए।
6- स्मार्ट मीटर बिजली कम्पनी के लूट का जरिया बन गया है, आम आदमी इस लूट से परेशान है।इस लिए स्मार्ट मीटर जबरन नहीं लगाया जाए इस लूट और मनमानी पर रोक लगाई जाए।
7- दिल्ली, पंजाब आदि राज्यों की भातिं बिहार में भी गरीबों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दिया जाये।
8- किसानों के सभी किस्म के ऋण माफ़ किया जाए. कारण कृषि चौतरफा घटा में जा रहीं हैं,
सरकार कौट्पोरेट कंपनियों का 16 लाख करोड़ कर्ज माफ कर दिया है. तो किसानों का कर्ज माफ कर देना चाहिए।

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