बिहार में खनन नीति में बड़ा बदलाव, पुलिस और प्रशासन दोनों की भूमिका होगी जांच के दायरे में

बिहार में खनन नीति में बड़ा बदलाव, पुलिस और प्रशासन दोनों की भूमिका होगी जांच के दायरे में

Bettiah Bihar West Champaran

बिहार में खनन नीति में बड़ा बदलाव, पुलिस और प्रशासन दोनों की भूमिका होगी जांच के दायरे में

रमेश ठाकुर के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की‌ ब्यूरो रिपोर्ट।

बेतिया(पच्छिम चम्पारण)
बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग की एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आज पटना में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता राज्य के माननीय उप मुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने की। बैठक में राज्यभर से प्राप्त विभागीय आंकड़ों के आधार पर खनिज राजस्व, घाटों की नीलामी, अवैध खनन की स्थिति और विभागीय कार्यों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई।

463 में से 316 घाटों की सफल नीलामी

बैठक में बताया गया कि राज्य में अब तक कुल 463 बालू घाटों को नीलामी के लिए अधिसूचित किया गया है, जिनमें से 316 घाटों की सफल नीलामी हो चुकी है। शेष 147 घाटों की नीलामी विभिन्न कारणों से लंबित है। विभाग ने लंबित घाटों की नीलामी प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।

*राजस्व वसूली में कमजोर जिलों से लिया जाएगा स्पष्टीकरण*

राजस्व वसूली की समीक्षा के दौरान उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिन जिलों में वसूली की स्थिति कमजोर है, वहां के जिला खनन पदाधिकारियों से लिखित स्पष्टीकरण लिया जाए। उन्होंने राजस्व बढ़ाने के लिए समर्पित प्रयास करने का भी निर्देश दिया।

*अवैध खनन पर सख्ती, पुलिस पदाधिकारियों की होगी जांच*

श्री सिन्हा ने अवैध खनन और ओवरलोडिंग की शिकायतों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जहां-जहां इस तरह की गतिविधियां सामने आ रही हैं, वहां संबंधित थाना प्रभारियों और जिलों के पुलिस अधीक्षकों की भूमिका की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। यदि संलिप्तता पाई जाती है तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।

*मध्यम भंडारण अनुज्ञप्तिधारकों के लिए राहत के कदम*

राज्य में अन्य राज्यों से पत्थर आयात कर व्यापार करने वाले मध्यम भंडारण अनुज्ञप्तिधारकों की समस्याओं पर भी बैठक में विशेष चर्चा हुई। उप मुख्यमंत्री ने उनकी परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए हर जिले में विभागीय स्तर पर धर्मकांटा स्थापित करने और उनकी समस्याओं के समाधान हेतु तीन सदस्यीय समिति के गठन का निर्देश दिया।

*तकनीकी और पर्यावरणीय पहलुओं पर भी चर्चा*

बैठक में खनिज लेवी, ऑनलाइन रिटर्न फाइलिंग की स्थिति, जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (DSR) की प्रगति, तकनीकी प्रक्रिया और पर्यावरणीय नियमों के अनुपालन पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया।

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