यूरिया पर सियासत गरम, सिद्दीकी की चेतावनी – जन आंदोलन की नौबत आ सकती है

यूरिया पर सियासत गरम, सिद्दीकी की चेतावनी – जन आंदोलन की नौबत आ सकती है

Bettiah Bihar West Champaran

यूरिया पर सियासत गरम, सिद्दीकी की चेतावनी – जन आंदोलन की नौबत आ सकती है

बगहां से रमेश ठाकुर के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की‌ ब्यूरो रिपोर्ट।

बगहा (पच्छिम चम्पारण)
पश्चिम चंपारण में यूरिया खाद की भारी किल्लत और कालाबाजारी से त्रस्त किसानों की आवाज अब राष्ट्रीय मंच पर गूंजने लगी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चन्द्र पवार) के पंचायती राज प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव सईद सिद्दीकी ने आज नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष शरद चन्द्र पवार से भेंट कर इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

सिद्दीकी ने कहा कि चंपारण जैसे खेती-किसानी वाले क्षेत्र में खाद का संकट किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रहा है। सरकारी गोदामों और सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध नहीं है, जबकि खुले बाजार में प्रति बोरी 400-500 रुपये अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं।

*पत्र में उठाए गए प्रमुख बिंदु:*

•यूरिया खाद की जबरदस्त कमी और सरकारी वितरण प्रणाली की विफलता

•नेपाल सीमा से हो रही खाद की तस्करी और मुनाफाखोरी

•फर्जी पंजीकरण से असली किसानों को वंचित करना

•वितरण तंत्र में पारदर्शिता और निगरानी का अभाव

*सिद्दीकी के सुझाव:*

1. चंपारण में अविलंब यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति हो

2. नेपाल सीमा पर निगरानी और सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया जाए

3. खाद वितरण में डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था लागू हो

4. कालाबाजारी में शामिल डीलरों और अफसरों पर सख्त कार्रवाई हो

5. किसानों से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी शिकायतों को दूर किया जाए

सईद सिद्दीकी ने कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो चंपारण में आंदोलन की चिंगारी भड़क सकती है, जिसका असर पूरे बिहार में महसूस होगा। उन्होंने चेताया कि यह मुद्दा केवल खाद का नहीं, बल्कि किसानों की आजीविका और आत्मसम्मान से जुड़ा सवाल है।

शरद पवार ने आश्वस्त किया कि पार्टी स्तर पर इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों से बात की जाएगी।

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