साक्ष्य से मुकरने पर बड़ी कार्रवाई
शिक्षक सुनील साह निलंबित।
अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश।
बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
बेतिया(पच्छिम चम्पारण) पंचायत चुनाव-2016 से जुड़े एक बहुचर्चित मामले में शिक्षक श्री सुनील साह पर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई हुई है। जिला पदाधिकारी, श्री धर्मेन्द्र कुमार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ करने का आदेश दिया है।
घटना की पृष्ठभूमि
वर्ष 2016 में नरकटियागंज प्रखंड के गोखुला पंचायत अंतर्गत मतदान केंद्र संख्या-347 पर शिक्षक श्री सुनील साह को पीठासीन पदाधिकारी नियुक्त किया गया था। मतदान के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर मतदान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न की। समझाने-बुझाने पर भी वे नहीं माने और जबरन मतदान कक्ष में प्रवेश कर मतदान पेटी में नारंगी रंग डाल दिया। इतना ही नहीं, पेटी को चापाकल के नीचे ले जाकर उसमें पानी भी भर दिया गया। इस गंभीर घटना पर तत्कालीन पीठासीन पदाधिकारी श्री साह ने शिकारपुर थाना में ब्रजेश प्रसाद एवं अन्य आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी संख्या 18/2016 दर्ज कराई थी।
गवाही के समय पलटे
सहायक अभियोजन पदाधिकारी के प्रतिवेदन के अनुसार, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम के न्यायालय में 23 मई 2025 को गवाही की तारीख तय थी। इस दौरान सूचक के रूप में उपस्थित श्री सुनील साह ने अदालत में अभियुक्तों की पहचान करने से इंकार कर दिया। उनके इस रवैये से न केवल सरकार का पक्ष कमजोर हुआ बल्कि अभियुक्तों को भी कानूनी लाभ पहुंचा।
*जिला पदाधिकारी का सख्त रुख*
जिला पदाधिकारी, श्री धर्मेन्द्र कुमार ने सहायक अभियोजन पदाधिकारी की रिपोर्ट को गंभीरता से लिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि चुनाव जैसी संवेदनशील प्रक्रिया में कर्तव्यपालन से जुड़ी लापरवाही व असहयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी आधार पर श्री साह को निलंबित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
*प्रशासन का संदेश*
जिला पदाधिकारी ने कहा कि सरकारी सेवक का कर्तव्य है कि वह न्यायालय व प्रशासन के समक्ष सत्य को प्रस्तुत करे। गवाही से पलटना और अभियुक्तों की पहचान से इंकार करना सेवा आचरण नियमावली का गंभीर उल्लंघन है। ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी सरकारी कर्मी अपनी जिम्मेदारी से पीछे न हटे।