पश्चिमी चंपारण जिले का मथौली जलविद्युत परियोजना वर्षों से अधर में।

पश्चिमी चंपारण जिले का मथौली जलविद्युत परियोजना वर्षों से अधर में।

Bettiah Bihar West Champaran

पश्चिमी चंपारण जिले का मथौली जलविद्युत परियोजना वर्षों से अधर में।
बेतिया से वकीलुर रहमान खान की‌ ब्यूरो रिपोर्ट।

बैरिया (पच्छिम चम्पारण)
जिला मुख्यालय से सटे संत घाट से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मथौली जल विद्युत परियोजना लगभग 15 वर्षों से बंद पड़ा है जिसका काम अधर में लटका हुआ है।
वर्ष 2004 में जब इस परियोजना का काम शुरू हुआ तो लोगों में हर्ष का माहौल पैदा हो गया,स्थानीय लोग तरह-तरह के सपने देखने लगे,लेकिन परियोजना का काम अधर में लटकने से लोगों में मायूसीछा गई। संजय मांझी दीपेश कुमार अजय पटेल ने संवाददाता को बताया कि विगत 15 वर्षों से चुनाव के समय सभी दल के लोग आते हैं और वादा करके चले जाते हैं कि हम इस काम को पूरा करा देंगे मगरआज तक पूरा नहीं हो सका। इस परियोजना के बंद हो जाने से सरकार पर कई प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहे हैं। जिले में इस मथौली जल विद्युत परियोजना से लोगों में बिजली संबंधी समस्या का समाधान हो जाता,और स्थानीय कई बेरोजगार को रोजगार मिल जाता।15 सालों से काम बंद हो जाने से लोगों ने उम्मीद छोड़ दी है। इस मामले को देखकर लोगों ने सरकार की कर सभी पर सवाल खड़ा कर दिया है। लोगों का कहना है कि बिहार सरकार बिजली उत्पादन पर जोर दे रही है और प्रदेश को बिजली खपत का पूरा-पूरा उपाय कर रही है मगर इस मथौली जल विद्युत परियोजना का कोई पूछने वाला नहीं है इस परियोजना में लगे सभी उपकरण सड़ रहे हैं। परियोजना को बनाने के लिए दूसरे किसी कंपनी को निमंत्रण दिया है मगर स्थानीय लोग इस पर विश्वास नहीं कर रहे हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि 15 सालों से यहां कोई ना कोई आता रहता है, मगर काम उसी तरह बंद पड़ा हुआ है। राजस्थानी लोगों ने संवाददाता को बताया कि राज सरकार की ओर से कोई राशि आमंत्रित नहीं होने के कारण 15 साल से इस परियोजना की देखरेख करने वाला गार्डन रामबली मटन ने भी बताया के इस परियोजना का काम पूरा करने के लिए फरीदाबाद की कंपनी आई थी शुरुआत में कंपनी का राज सरकार को से राशि उपलब्ध कराई गई लेकिन काम शुरू होने के बाद बताया राशि का भुगतान नहीं हुआ इसी वजह से कंपनी ने काम रोक दिया 15 साल से कम बंद होने की वजह से उपकरण सड़ने लगे हैं।सुशासन की सरकार बिहार मेंआने के बाद भी बेतिया का मथौली जल परियोजना का काम में कुछ तेजीआया था लेकिन परियोजना का पैसा नहीं मिलने के कारण काम पूरा नहीं हो सका,जिससे यहां से बिजली का उत्पादन नहीं हो सका।इसके लिए हमारे बेतिया शहरवासियों को बिजली ऊर्जा से वंचित ही रहना पड़ा,अगर यह मथौली जल विद्युत परियोजना बनाने का काम चलता रहता है तो हजारों की संख्या में बेतियायावासियों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलता, इसके नहीं बनने के पीछे कौन सा राज छिपा हुआ है,यह सुशासन बाबू की सरकार ही बता पाएगी। सुशासन बाबू की सरकार कितना जागरुक है कि बेतिया शहर के विकास के लिए स्थानीय दोनों सांसद और विधायक इस मुद्दे पर एकआवाज तक कभी नहीं उठा पाए,नहीं हमारे यहां के सांसदऔर विधायक इस मुद्दे पर बिहार विधानसभा और संसद में किसी ने पहल नहीं किय,और नहीं इसको पूर्ण कराने के लिए कोई मांग रखा।जिला के दोनों सांसद और विधायकों के द्वारा जिले के विकास के लिए कोई काम नहीं किया गया है।आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इसकी मांग उठाएगी,जिला में कोई विकासका काम नहीं होने के कारण जनता इन दोनों सांसदों और विधायकों से बहुत ही नाराज चल रही है,
क्योंकि जनता मतदान करने के पूर्व अपने क्षेत्र के विकास
कोआंकती है,क्षेत्र की समस्या के समाधान में इन लोगों का क्या योगदान रहा है,इसको आंकने के बाद ही मतदान करती है।अब देखना यह होगा किआगामी विधानसभा चुनाव में जनता किसके पक्ष में मतदान करेगी,और किसकी सरकार बनाती है।

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