वकिलुर रहमान खाँ ब्यूरो रिपोर्ट, पश्चिमी चंपारण, बेतिया।
यक्ष्मा हारेगा देश जीतेगा, 2025 में यक्ष्मा का उन्मूलन करना है इसके तहत एक्टिव केस फंडिंग के तहत सभी कारामंडल ,बाल सुधार गृह, दलित बस्ती ,खानाबदोश, नवनिर्मित भवन का नियमित निरीक्षण एवं बलगम संग्रह अवश्य करना है । साथ ही बच्चों में इन लक्षणों से यक्ष्मा की पहचान की जा सकती है जैसे दो सप्ताह या दो सप्ताह से ज्यादा खासी , बुखार आना, बलगम के साथ खून आना, रात में पसीना आना,वजन कम होना, बच्चों को खेल में रुचि कम हो जाना यक्ष्मा के मुख्य लक्षण है । उक्त बातें डॉ त्रियुगी नारायण प्रसाद, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने जीएनएम स्कूल में यक्ष्मा पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के दीप प्रज्वलन के दौरान कर उद्घाटन के दौरान मौके पर उपस्थित बाल चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कही।
वही डॉ चेतन जायसवाल, चिकित्सा पदाधिकारी ,यक्ष्मा नियंत्रण, ने यक्ष्मा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों का इलाज वजन के अनुसार कैसे किया जाता है, बच्चों का बलगम कैसे लिया जाता है इस पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। डॉक्टर बीके शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर चेस्ट एंड टीवी ने यक्ष्मा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चे में जितने तरह की बीमारी होती है सभी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
इस मौके पर सलीम जावेद जी पीएम, डॉ बीके शर्मा यक्ष्मा विशेषज्ञ, प्रभु राम एसटीएस, फिरोज आलम, नारायण शाह आदि मौजूद रहे।