- “पंजियन संख्या हुआ रद्द, कृषि विभाग द्वारा संचालित/क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं का आगामी तीन साल तक नहीं ले सकेंगे लाभ।*
- *जिलाधिकारी द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन का कृषकों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का दिया गया निदेश।*
*न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान*
*बेतिया।* जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि जिले के किसानों के बीच कृषि विभाग द्वारा जारी फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित जागरूकता संदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जाय। साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन हेतु जारी दिशा-निर्देर्शों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि खेतो में फसल अवशेष जलाने वाले कृषकों को चिन्हित करते हुए उनके विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई किया जाय। जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित फसल अवशेष प्रबंधन की समीक्षात्मक बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी को निदेशित कर रहे थे।
समीक्षा के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि खेत में धान का खुंटी (फसल अवशेष) जलाने को लेकर मैनाटांड़ प्रखंड अंतर्गत जबदी ग्राम के तीन किसानों (1) हरख महतो, पिता-हरिहर महतो, किसान पंजीकरण संख्या-2031016188625 (2) नन्दकिशोर कुशवाहा, पिता-खेदू प्रसाद कुशवाहा, किसान पंजीकरण संख्या-2031016822282 एवं (3) मंजूर मियां, पिता-सिकईत मियां, किसान पंजीकरण संख्या-20310169663122 के विरूद्ध विभागीय दिशा-निर्देश के अनुरूप कार्रवाई की गयी है। उक्त तीनों किसानों का पंजीकरण रद्द करते हुए कृषि विभाग द्वारा संचालित, क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के लाभ से अगले तीन साल तक वंचित कर दिया गया है।
वहीं ठकराहां प्रखंड अंतर्गत कोईरपट्टी पंचायत के किसान रामअशीष चौधरी, पिता-चरित्र मलाह को चेतावनी दी गयी है तथा उन्हें फसल अवशेष नहीं जलाने हेतु जागरूक एवं प्रेरित किया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि समान्यतया यह देखा जा रहा है कि कृषक फसलों के अवशेष (पुआल, खुंटी आदि) को खेतों में जला देते हैं। ऐसा करने से मिट्टी एवं पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। फसल अवशेषों को जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ता है जिसके कारण मिट्टी में उपलब्ध जैविक कार्बन जो पहले से ही हमारी मिट्टी में कम है और भी जलकर नष्ट हो जाता है। इसके फलस्वरूप मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है एवं जलवायु परिवर्तन का कारण बनता है।
समीक्षा के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किसानों के बीच कृषि विभाग द्वारा जारी फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित जानकारी का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। कृषकों को बताया जा रहा है कि यदि फसल की कटनी हार्वेस्टर से की गई हो तो खेत में फसलों के अवशेष पुआल, खुंटी आदि को जलाने के बदले खेत की सफाई हेतु बेलर मशीन का प्रयोग करें। अपने फसल के अवशेषों को खेतों में जलाने के बदले वर्मी कम्पोस्ट बनाने, मिट्टी में मिलाने, पलवार विधि से खेती आदि में व्यवहार कर मिट्टी को बचायें तथा संधारणीय कृषि पद्धति में अपना योगदान दें। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग की ओर से मशीनरी यंत्र विशेष अनुदान के तौर पर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि किसान खेत में पुआल को न जलाकर इन मशीनरी यंत्रों द्वारा खाद के रूप में इस्तेमाल कर सके।