बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट!
बेतिया( पश्चिमी चंपारण)
अभी-अभी एम्स गोरखपुर का दौरा करके निकला हूं बेतिया सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल ने कहा की 3 वर्ष पहले एम्स गोरखपुर की अनुशंसा हुई थी और प्रोफेसर डॉक्टर सुरेखा किशोर जी के नेतृत्व में आज एम्स पूरे तौर पर कार्य कर रहा है। 3.5 हजार से ज्यादा ओपीडी में मरीज देखे जा रहे हैं ।आठ ऑपरेशन थिएटर भी चालू हो गए हैं ।
वहीं 9 वर्ष पहले एम्स दरभंगा का परमिशन माननीय नरेंद्र मोदी जी ने बिहार की जरूरत को देखते हुए दिया था। आज 9 साल बाद भी जानबूझकर पहले लहरियासराय में ही एम्स खुले इसके लिए नीतीश कुमार जी ने 6 वर्ष सभी को परेशान किया । 2 वर्ष वहां पर कागज में काम हुआ । नवें वर्ष में सरकार अब शोभन में जमीन देने की बात की है। केंद्र सरकार बिहार की भलाई के लिए वह भी लेने को तैयार है पर अभी तक कैबिनेट से 350 करोड रुपए मिट्टी भराई के पास होने के बावजूद एक टेलर भी मिट्टी नहीं डाला गया ।
उद्देश्य यह नहीं है कि दरभंगा में एम्स कहां बने। उद्देश्य यह है कि बिहार के नागरिक एम्स में अपना इलाज नहीं करा सकें । तेजस्वी यादव जी की दया से बिहार में 1 वर्ष में ही अस्पताल का कचरा कर दिया गया है। इसका साक्षात उदाहरण जीएमसीएच बेतिया है । सिर्फ एक वर्ष में आज इतना अच्छा अस्पताल बनने के बावजूद भी दवाइयों से लेकर सफाई सुविधा नदाराद होते जा रही हैं।