मोतिहारी: लॉरेंस विश्नोई गैंग रिमांड होम के बंदियों को शूटर बना रहा है। मुजफ्फरपुर में विश्नोई गैंग के गिरफ्तार दो नाबालिग शूटरों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है।सीतामढ़ी के शूटर ने पुलिस को बताया है कि चार साल पहले वह बाइक चोरी में रिमांड होम गया था। वहां विश्नोई गैंग के शूटर ने उससे संपर्क साधा । गैंग से जुड़ने के बाद वह आठ बार रिमांड होम भेजा गया, जिसमें दो बार वहां से भागकर लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बरार के लिए घटना को अंजाम दिया।वहीं, जयपुर के शूटर ने बताया कि वह पहली बार दुष्कर्म केस में जयपुर स्थित रिमांड होम भेजा गया था।
वहां उससे संपर्क साधा गया और वह विश्नोई गैंग से जुड़ गया। इसके बाद चार बार गिरफ्तारी हुई और रिमांड होम भेजा गया। बीते 25 फरवरी को जयपुर स्थित रिमांड होम से भागने के बाद रोहतक में सचिन मुंजाल की हत्या की। दोनों नाबालिग शूटरों ने पुलिस को बताया है कि उत्तर बिहार में विश्नोई गैंग ने रिमांड होम भेजे गए कई नाबालिगों को जमानत पर छूटने के बाद गैंग में जोड़ा है। इसके लिए इंटरनेट कॉलिंग से उनसे संपर्क साधा जाता है। उन्हें हत्या, लूट, बैंक लूट, रंगदारी आदि वारदात अंजाम देने के लिए चुना जाता है।
गैंग ने गुरुग्राम में मुहैया कराई थी कार व पिस्टल
सीतामढ़ी के शूटर ने पुलिस को बताया है कि सचिन मुंजाल की हत्या में उसे गुरुग्राम में कार और नौ एमएम की ग्लॉक पिस्टल मुहैया कराई गई थी। उसने पूछताछ में कई खुलासे किए। एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि दोनों नाबालिग शूटर से पूछताछ में मिली जानकारी हरियाणा पुलिस को दे दी गई है। इसके आधार पर हरियाणा क्राइम ब्रांच कार्रवाई करेगी।
कौन है लॉरेंस बिश्नोई
लॉरेंस बिश्नोई का नाम मर्डर और एक्सटॉर्शन के मामलों में बार-बार सुर्खियों में आता रहता है। वह 2014 से ही जेल के भीतर है। सलाखों के पीछे से ही वह देश-विदेश में फैला क्राइम नेटवर्क चलाता है। प्रवर्तन निदेशालय ईडी, नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी, एनआईए समेत तमाम राज्यों की पुलिस ने लॉरेंस के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रखे हैं।
पिछले साल पंजाब सिंगर सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में भी लॉरेंस की भूमिका सामने आई थी। 32 साल का लॉरेंस बिश्नोई पंजाब के फाजिल्का का रहने वाला है। उसका जन्म एक संपन्न किसान परिवार में हुआ। लॉरेंस बिश्नोई 2010 में पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ आया था। कॉलेज में उसकी जिंदगी ऐसी पलटी कि अब वह रियल लाइफ में क्राइम वर्ल्ड का बड़ा और खौफनान नाम बन चुका है।