जेई जैसे गंभीर बीमारियों से भी बच्चों क़ो सुरक्षित करता है नियमित टीकाकरण

जेई जैसे गंभीर बीमारियों से भी बच्चों क़ो सुरक्षित करता है नियमित टीकाकरण

Bihar East Champaran Latest Motihari

पूर्वी चंपारण: सदर अस्पताल में प्रतिदिन 70 से 80 बच्चों क़ो टीका लगाती हैं हेड नर्स मीरा सिन्हा
– बच्चों क़ो गर्मी/तेज धूप से बचाने तथा रात में हल्का मीठा खिलाने की देती हैं सलाह
– बच्चों से प्रेम और अभिभावकों से कुशल व्यवहार है मीरा सिन्हा की खूबसूरत पहचान

22 अप्रैल मोतिहारी

सदर अस्पताल, मोतिहारी के मदर एंड चाइल्ड केयर बिल्डिंग स्थित बच्चों के टीकाकरण केंद्र में तैनात हेड नर्स मीरा सिन्हा कई वर्षों से टीकाकरण केंद्र में नियमित सेवाएं दे रहीं हैं एवं नियमित टीकाकरण के लाभ क़ो अभिभावकों क़ो बताती हैं। टीकाकरण केंद्र पर आई माताओं क़ो शिशु की देखभाल, उचित खानपान के साथ समय पर टीकाकरण की सलाह भी देती हैं।

हेड नर्स मीरा सिन्हा ने बताया कि सदर अस्पताल के टीकाकरण केंद्र में प्रतिदिन 70-80 बच्चों का टीकाकरण किया जाता है जिसमें ओरल पोलियो, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी आम है। उन्होंने बताया की अभी गर्मियों के मौसम में बच्चों में पानी की कमी हो सकती है इसलिए बच्चों क़ो गर्मी व तेज धूप में निकलने से एवं बाहर जाकर खेलने से रोकना चाहिए।

अभी के समय में एईएस/जेई का प्रकोप बना रहता है, इसलिए इससे बचाने के लिए बच्चों की सेहत पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हें नियमित तौर पर हल्का आहार देना चाहिए, ओआरएस का घोल पिलाना चाहिए, रात में हल्का मीठा खिलाना चाहिए। रात में उठकर बच्चों क़ो देखना चाहिए कि बच्चों में बुखार या कोई दिक्कत तो नहीं है। बुखार या आसमान्य लक्षण दिखे तो तुरंत सरकारी अस्पताल में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
अपने बच्चों के टीकाकरण के लिए सदर अस्पताल आए मिट्ठू कुमार ने बताया कि मीरा सिन्हा क़ो बच्चों से प्रेम और अभिभावकों के साथ कुशल व्यवहार व लगाव है। इस कारण उनका जिले भर के लोगों के बीच ख़ास पहचान बनी है।

– समय पर टीकाकरण की देती हैं सलाह
हेड नर्स ने बताया कि बच्चों के जन्म के बाद उनको कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण कराया जाना जरूरी होता है। टीकाकरण से बच्चों के शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे वे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित होते हैं।

बच्चों के नियमित टीकाकरण से वे जल्दी किसी भी बीमारी की चपेट में नहीं आते हैं। समय पर टीकाकरण नहीं कराने वाले बच्चों के बीमार होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे बच्चे बार-बार बीमार होकर कमजोर व कुपोषित हो जाते हैं, जिसका असर उनके शरीर एवं मन पर पड़ता है। खसरा, टिटनस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोंटू, काली खांसी और हेपेटाइटिस बी जैसे रोगों से बच्चों को बचाने के लिए समय पर टीकाकरण जरूरी है। कुछ टीके गर्भवती महिलाओं को भी लगाए जाते हैं, जिससे उन्हें व होने वाले शिशु को टिटनस व अन्य गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके। बच्चों को जुकाम, बुखार होने पर उन्हें टीका न लगवायें।

– सुरक्षा के लिए ये टीके लगवाने होते हैं जरूरी-

• बच्चे के जन्म लेते ही उन्हें– ओरल पोलियो, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी
• डेढ़ महीने बाद – ओरल पोलियो-1, पेंटावेलेंट-1, एफआईपीवी-1, पीसीवी-1, रोटा-1
• ढाई महीने बाद – ओरल पोलियो-2, पेंटावेलेंट-2, रोटा-2
• साढ़े तीन महीने बाद – ओरल पोलियो-3, पेंटावेलेंट-3, एफआईपीवी-2, रोटा-3, पीसीवी-2
• (9 से 12 माह) मे– मीजल्स-रुबेला 1, जेई 1, पीसीवी-बूस्टर, विटामिन ए, (16 से 24 माह) में – मीजल्स-रुबेला 2, जेई 2, बूस्टर डीपीटी, पोलियो बूस्टर, जेई 2 का टीका जरुरी होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *