बनकटवा, पूर्वी चंपारण: 01 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति जिला इकाई के आह्वान पर मृत शिक्षकों की आत्मा की शान्ति के लिए अपने-अपने घरों में कोरोनटाइन रहकर हड़ताली शिक्षकों द्वारा कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा उनके आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया।
गौरतलब है कि नियोजित शिक्षक अपनी सेवा शर्त, समान काम समान वेतन सहित अपनी अन्य मांगों की पूर्ति के लिए 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। हड़ताल के दौरान वेतन के अभाव में 70 से अधिक शिक्षकों की मृत्यु हो गयी। प्रखंड इकाई बनकटवा अध्यक्षमंडलीय सदस्य प्रदीप कुमार कुशवाहा के द्वारा कड़े शब्दों में यह कहा गया कि तकरीबन 6 दर्ज़न हड़ताली शिक्षकों के मृत्यु के बावजूद वार्ता नही करना सरकार की तानाशाही रवैये को दिखाती है।इसकी कड़े शब्दों में निंदा की गई ।
घोड़ासहन अध्यक्षमण्डल से सुनील कुमार, शिक्षक नेता राहुल सिंह ने कहा कि एक तरफ कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में त्राहिमाम है ,हड़ताली शिक्षक यथासंभव लोगों की मदद भी कर रही है। इस संकट की घड़ी में श्रम मंत्रालय के द्वारा बार-बार यह निर्देश दिया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों का वेतन अविलंब विमुक्त किया जाए ताकि कोई भूख से न मरे लेकिन आज तक बिहार सरकार द्वारा हड़ताली शिक्षकों की सुध न लेना संवेदनहीनता का परिचायक है ।
घोड़ासहन से मीडिया प्रभारी रामनिवास कुमार मौर्यवंशी ने कहा कि सच्चाई और ईमानदारी के बुनियाद पर झूठ और फरेब का महल ज्यादा दिनों तक नही टिक सकता,वो एक दिन धराशायी हो जाता है। बिहार की सरकार वर्षों से झूठ बोलकर शिक्षकों को बरगलाने का काम कर रही है। बिहार के माननीय शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा केवल मीडिया के जरिये शिक्षकों को हड़ताल से वापस लौटने की अपील करते है,कोई लिखित रूप से वार्ता के लिए पहल नहीं करते है ।
जिला उपाध्यक्ष चेतन आनंद ने कहा जब तक सरकार हमारी मांगों को नही मानेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगा,ना हम झुकेंगे, ना टूटेंगे। आज के कार्यक्रम को अध्यक्ष मंडल से प्रकाश कुमार,रत्नेश कुमार, हफीजुर्रहमान, मुकेश सिंह सहित मो. नुरुल होदा,संतोष सिंह, मुन्ना राम, अनिल कुमार, राकेश कुमार, प्रभु प्रसाद, शशि शेखर, कुमार नितेश, पवन कुमार, अर्जुन कुमार, वकील प्रसाद, कामिल हुसैन,अवधेश पासवान, दिनकर पासवान, विजय कुमार, अशोक शर्मा , रेखा सिंह, श्वेता भारती,अजीत कुमार, राजू कुमार,जितेंद्र कुमार,ओम प्रकाश भारती आदि सैकडों शिक्षकों ने सफल बनाया।