कोरोना वायरस एव बाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर, विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग: मानवाधिकार कार्यकर्ता।

कोरोना वायरस एव बाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर, विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग: मानवाधिकार कार्यकर्ता।

Bihar West Champaran
कोरोना वायरस एव बाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर, विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग: मानवाधिकार कार्यकर्ता।

ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया: इन दिनों वैश्विक महामारी, कोरोना के साथ-साथ बाढ़ की विभीषिका ने नींद हराम कर दी है, महामारी एवं बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए सरकार ने कई उचित कदम उठाए हैं, शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क , ग्लोब्स व फेस मास्क का का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है, भीड़ इकट्ठा नहीं करने की सलाह दी जा रही है, दुकानदारों को भी कड़े हिदायत दिए गए हैं।

मगर आने वाले दिनों में, बिहार विधानसभा का चुनाव होने की प्रक्रिया चल रही है, चुनाव आयोग भी राज्य के विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से 31 जुलाई तक अपनी समस्याएं, परामर्श व आगामी चुनाव में, मतदाताओं की कठिनाइयों , समस्याओं, मजबूरियों के बारे में, विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, अब देखना यह होगा कि राज्य के अंतर्गत, जितने प्रकार की राजनीतिक पार्टियां हैं, वह चुनाव आयोग को किस हद तक संतुष्ट कर पाती हैं और चुनाव को समय पर या तीन- चार महीना बढ़ाने की सिफारिश कर पाती हैं, जो हालात अभी राज्य की चल रही है, इन में कोरोना महामारी और बाढ़ की विभीषिका से लोग तंग हैं, खाने -खाने को मोहताज हैं, रहने- सहने का कोई ठिकाना नहीं है।

दवा -इलाज, खाद्य सामग्री, आवागमन की व्यवस्था, पशुओं के लिए चारा, बिना घर वाले बाढ़ विभीषिका से ग्रसित गांव के ग्रामीण किस हद तक जा कर आने वाले विधानसभा चुनाव में सम्मिलित हो सकेंगे, यह आने वाला समय ही बताएगा, मगर जो हालात व मजबूरियां सामने आ रही हैं, वह इस बात को दर्शाती हैं कि अगर चुनाव आयोग समय पर चुनाव कराने की जिद रखता है तो किस परिस्थिति में, मतदाता, मतदान केंद्रों तक पहुंच कर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव आयोग अगर समय पर चुनाव कराने की ठान लेता है तो, देखना यह होगा कि मतदाता, मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का उपयोग किस हद तक कर पाएग, यह आने वाला समय ही बताएगा, अगर विषम परिस्थिति में,

चुनाव आयोग के द्वारा ससमय चुनाव कराने की घोषणा कर दी जाती है तो इस कोरोना महामारी में ,एक कोरोना पॉजिटिव मतदाता के चलते पूरा क्षेत्र ग्रसित हो जाएगा, संक्रमितओं की संख्या अधिक से अधिक हो जाएगी ,जो नियंत्रण से बाहर रहेगा, फिर न चुनाव आयोग ही बचा पाएगा और न राजय सरकार ही, तो ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग को इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए, बिहार में, विधानसभा चुनाव पर मंथन कर स्थगित करने या तीन चार महीना आगे बढ़ाने की मांग, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ (भारत) की जिला अध्यक्ष, सुरैया सहाब ने की है,साथ में उन्होंने कहा है कि जनहित को देखते हुए चुनाव आयोग व बिहार सरकार को चाहि कि अभी तत्काल तीन- चार महीने तक चुनाव को स्थगित करने पर विचार की आवश्यकता प्रतीत होती है,

ताकि जनसाधारण व मतदाता को इस संक्रमण के साथ,बाढ़ की विभीषिका से ग्रसित लोगों को संभलने का मौका मिल सके, तभी जाकर मतदाता ,मतदान केंद्रों पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, अन्यथा बिहार विधानसभा का चुनाव का परिणाम अचंभित करने वाला होगा ,क्योंकि जब मतदाता, मतदान केंद्र पर पहुंचकर मताधिकार का प्रयोग ही नहीं कर सकेंगे तो चुनाव कराना बेकार साबित हो जाएगा, इसके साथ ही, चुनाव में खर्च होने वाली, खरबों – खरब रुपए की बर्बादी के साथ देश और राज्य की आर्थिक स्थिति चरमरा जाएगी जो कई वर्षों तक सर दर्द बनी रहेगी, इस पर विचार करने की आवश्यकता , चुनाव आयोग एवं राजय सरकार की होगी।

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