जमाखोर कम्पनियों का लूट राज कायम करने के लिए भाजपा ने काला कानून बनाया-किसान महासभा
एम एस पी से कम दर पर खरीद करने वाले कम्पनियों पर अपराधिक मुकदमा दर्ज करने का कानून बनें
किसान विरोधी काले कानून के विरोध में किसान संगठनों के भारत बंद के समर्थन में उतरा भाकपा-माले
ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया: जबरन बनाये गए किसान विरोधी काले कानून के विरोध में 250 से ज्यादा किसान संगठनों द्वारा आहूत 25 सितम्बर के भारत बंद के समर्थन में भाकपा माले सड़क पर उतरा
भाकपा-माले और अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर से बेतिया रेलवे स्टेशन से निकल कर समाहरणालय गेट तक प्रतिवाद मार्च ननिकाल। समाहरणालय गेट पर सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा के जिला संयोजक सुनील कुमार राव ने कहा कि अंग्रेजी राज में चम्पारण नीलहे जमींदारों के आतंक से त्रस्त रहा है।नील की खेती भी कांट्रेक्ट पर खेती थी।साठी फार्म जैसे सैकड़ों नील के फार्म किसानों की जमीन बेतिया राज से लीज पर लेकर बनाए गए थे। बाद में लीज ली हुई जमीन के मालिक खुद अंग्रेज बन गए।
नील के बीज और दादनी देकर बाकी सभी किसानों पर भी एक बीघा में तीन कट्ठा नील की खेती करने का कानून लाद दिया गया। अभी के संसद सत्र में मोदी सरकार द्वारा जबरन बनाया गया कांट्रेक्ट पर खेती करने का कानून अंग्रेजी राज के नीलहा कानून से भी ज्यादा खतरनाक है। जिसमें कम्पनियां अपने मनपसंद फसल के लिए किसानों को बाध्य कर देंगी।जो खाद्यान्न संकट को बढ़ावा देने वाला है। माले नेता धर्म कुशवाहा ने कहा कि अभी बनाये गए काले कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) निर्धारण करने और उस पर फसलों की खरीद की व्यवस्था कुछ दिनों में स्वत: खत्म हो जाएगी। किसानों को बहुत ही कम मूल्य में फसल बेचने को बाध्य कर दिया जाएगा। भाकपा-माले नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के खत्म करने से जमाखोर कम्पनियां अनाज और अन्य खाद्य सामग्रियों के बाजार पर एकाधिकार कायम कर लेंगी। गरीबों को राशन के बदले नगद राशि देने के नाम पर उनका राशन खत्म कर दिया जाएगा और सभी आमजनता के लिए अनाज व खाद्य सामग्री महंगी हो जाएगी।
माले नेता तारकेश्वर यादव ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीनों काले कानूनों के खिलाफ आज भारत बंद को समर्थन किया । इनौस नेता फरहान रजा, सुरेन्द्र चौधरी, भारतीय किसान यूनियन के नेशार अहमद ने कहा कि यह कानून खेती बाड़ी को किसानों से छीन कर कारपोरेट कम्पनियों को देने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि खेत मजदूर जिसमें अधिकांश बटाईदार किसान हैं उनकी भी आजीविका खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा ने भी इस आंदोलन में किसानों को समर्थन दिया है।उन्होंने किसान विरोधी तीनों कानून रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर फसल खरीदने वाले पर अपराधिक मुकदमा दर्ज करने के कानून बनाने की मांग की है। भाकपा-माले व किसान नेता भरत ठाकुर, ठाकुर साह, विनोद कुशवाहा, राजन पटेल, सतन साह, जवाहर प्रसाद, ध्रुव कुशवाहा, अरविंद सिंह, दिनेश गुप्ता आदि नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए मोदी सरकार को लोकतंत्र विरोधी कहा।