बढ़ गई गरीबो की मुश्किल,राशन कार्ड बनवाना हुआ टेढ़ी खीर।

बढ़ गई गरीबो की मुश्किल,राशन कार्ड बनवाना हुआ टेढ़ी खीर।

Bihar Patna

बेतिया: न्यूज़ ब्यूरो वकीलूर रहमान खान, सरकार के घोषणा के बाद ,राशन कार्ड बनवाना एक टेढ़ी खीर बन गई है, इस कार्ड को बनवाने के लिए कई प्रकार के कागजातों को लगाना पड़ रहा है, साथ ही कागजातों को बनवाने में, प्रखंड स्तर से लेकर, अनुमंडल, जिला स्तर तक के लोगों को आरटीपीएस काउंटर पर लंबी कतार लगानी पड़ रही है, इसके लिए प्रातः काल से ही सांयकाल तक कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है, इसके बावजूद भी कितने दिनों के बाद आवश्यक कागजातों की पूर्ति की जा रही है,

इसमें भी कई तरह के ऑब्जेक्शन लगाए जा रहे हैं ,जिससे कार्ड बनवाने वालों के सामने मुसीबत खड़ी हो जा रही है, इस कार्ड को बनवाने में, पूरे परिवार का संयुक्त फोटो,सभी का आधार कार्ड एवं बैंक खाते की फोटो कॉपी संलग्न करनी पड़ रही है, तब जाकर कहीं इसकी कानूनी प्रक्रिया पूरी हो रही है, इसके बावजूद भी राशन कार्ड बनकर मिलने का नाम नहीं ले रहा है, सरकार ने लोगों को ध्यान को भटकाने के लिए इस तरह के अडनंगे पैदा कर दिए गए हैं , जिससे लोग तंग आकर इस काम को छोड़ दें, राशन तो मिलना दूर की बात है,राशन कार्ड बनना ही संभव नहीं लग रहा है, सरकार का यह संकल्प है कि वन नेशन वन राशन की परिकल्पना पूरी होती नजर नहीं आ रही है, इसलिए कि जब राशन कार्ड बनेगा ही नहीं तो यह परिकल्पना कैसे पूरी हो सकती है?
सरकार की घोषणा के बावजूद भी राशन डीलरों के यहां सही समय पर जिनके पास राशन कार्ड हैं उन्हें राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है और अगर उपलब्ध भी कराया जा रहा है तो साला गधा राशन नहीं मिल रहा है, इसमें भी रेट , नेट, वेट की चालबाजी पूरी तरह राशन डीलरों के माध्यम से राशन पाने वालों को जाल में फंसा कर शोषण किया जा रहा है।
सरकार को जब राशन कार्ड पर राशन देने का प्रावधान ही समाप्त करने की स्थिति में नजर आ रही है ,तो फिर राशन कार्ड बनवाने के लिए लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है, इसमें लोगों का समय, पैसा और शारीरिक कठिनाइयां भी हो रही हैं, मगर नतीजा ढाक के तीन पात ही नजर आ रहा है, तो फिर किस परिस्थिति में राशन कार्ड बनवाने के लिए घोषणा करके सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है। इससे अच्छा तो यह होता कि सरकार खुले बाजार में, कम दाम में राशन के सामानों की बिक्री करती, और जनताआसानी से खुले बाजार में खरीद सकती।
इस जिले में पूर्व से ही राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन दिया गया है मगर अभी तक राशन कार्ड बन कर मिल नहीं सका है, और सरकारी दावा है कि इस जिला में 90% लोगों को राशन कार्ड उपलब्ध करा दिया गया है, जो सत्य से परे है,इतना ही नहीं, राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक के जनता को दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से यह सूचना प्रकाशित कर दी गई है कि पश्चिम चंपारण जिले में 90% लोगों को राशन कार्ड उपलब्ध करा दिया गया है, जो सरासर गलत है एवं तथ्य से परे है। सरकार एवं जिला प्रशासन आम जनता को दिग्भ्रमित कर रही है, ताकि आम जनता में इसकी वावाही लूटी जा सके, मगर सरकार यह नहीं समझती है कि, यह जनता है, सब कुछ जानती है।

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