छोटे एवं दूरस्थ पशुपालकों को त्वरित गति से “मिल्क नेटवर्क“ से जोड़ें : जिलाधिकारी।

छोटे एवं दूरस्थ पशुपालकों को त्वरित गति से “मिल्क नेटवर्क“ से जोड़ें : जिलाधिकारी।

Bettiah Bihar West Champaran

हरनाटांड़ एवं रामनगर में बल्क मिल्क कूलर का अधिष्ठापन कराने सहित दुग्ध कलेक्शन बढ़ाने का दिया गया निदेश।

न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,

बेतिया। छोटे एवं दूरस्थ पशुपालकों को सुधा एवं अन्य “मिल्क नेटवर्क“ से जोड़ने हेतु किये जा रहे कार्यों की आज जिलाधिकारी द्वारा कार्यालय प्रकोष्ठ में समीक्षा की गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले के दुग्ध उत्पादकों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर प्रदान करना है ताकि निरंतर इनके आय स्रोत में वृद्धि होती रहे। उन्होंने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिला मूलतः कृषि प्रधान है। दुग्ध उत्पादकता के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा किसानों को जागरूक एवं प्रेरित करना सुनिश्चित किया जाय।

उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे गव्य पालक जो दुग्ध की बिक्री विभिन्न जगहों पर करते हैं, उन्हें संगठित क्षेत्र में लाते हुए उनके रोजगार को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ऐसे सभी गव्य पालकों को दुग्ध व्यवसाय में उतरोत्तर वृद्धि कराते हुए उनके जीवन स्तर को सुदृढ़ करने की कार्रवाई तीव्र गति से क्रियान्वित की जाय।

प्रभारी, दुग्ध शीतक केन्द्र, बेतिया द्वारा बताया गया कि ज्यादा से ज्यादा दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों को उनके सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के उदेश्य की पूर्ति हेतु उनके गांव में ही दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति का गठन कर दुग्ध के जांच के आधार पर उचित मूल्य दी जाती है। जिले में अबतक 256 दूध उत्पादक सहयोग समितियां क्रियाशील है। दुग्ध शीतक केन्द्र का कुल संग्रहण 25000 लीटर प्रतिदिन है। जिले के 13365 कृषकों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में कुल-03 बल्क मिल्क कूलर हैं।

उन्होंने बताया कि दुधारू पशुओं को स्वस्थ रखने के उदेश्य से कृमिनाशक एवं टीकाकरण कार्य भी चलाया जा रहा है। वहीं संतुलित पशु आहार एवं हरा चारा बीज का वितरण भी कराया जाता है। जिले में 49 कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र कार्यरत है।

उन्होंने बताया कि समितियों के माध्यम से गाय का दूध कम से कम 30 रू0 प्रति लीटर, ज्यादा फैट वाला भैंस का दूध 80-85 रू0 लीटर, गाय-भैंस मिक्स दूध 42-43 रूपये लीटर लिया जाता है।

जिलाधिकारी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले में दुग्ध की उत्पादकता अधिक है। संग्रह से अधिक दूध की खपत है। दुग्ध संग्रहण कार्य को तीव्र गति से बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छोटे एवं दूरस्थ पशुपालकों को सुधा एवं अन्य मिल्क नेटवर्क से जोड़ने का बड़ा अभियान शीघ्र प्रारम्भ करें। जल्द से जल्द सुधा जैसे संगठित क्षेत्र में लाया जाय ताकि किसानों को निरंतर आय स्रोत में वृद्धि होती रहे।

उन्होंने निदेश दिया कि जिले के हरनाटांड़ रामनगर सहित अन्य स्थलों पर बल्क मिल्क कूलर का अधिष्ठापन करया जाय ताकि आसपास के दुग्ध उत्पादकों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े तथा उन्हें दूध की क्वालिटी के अनुसार उचित मूल्य प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रयास करें कि दुग्ध उत्पादक किसानों को सीधे उनके खाते में दूध का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।

इस बैठक में उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, अपर समाहर्ता, श्री नंदकिशोर साह, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, प्रभारी, दुग्ध शीतक केन्द्र, बेतिया, श्री रविन्द्र कुमार, मार्केंटिंग इंचार्ज, सुधा डेयरी, श्री नृपेन्द्र कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।

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