सिकटा संवाददाता अमर कुमार की रिपोर्ट!
सिकटा ( पश्चिमी चंपारण) स्थानीय अंचल के अंचलाधिकारी पर रिश्वत लेने और रिश्वत की राशि को वापस मांगने पर कलम से मारकर जख्मी कर देने के मामले पर कोर्ट परिवाद के बाद स्थानीय थाने में अंचलाधिकारी पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।मामला अतिक्रमण से संबंधित वाद का है।सरकारी रास्ते से अतिक्रमण नही हटाने पर सरगटिया के अमरेंद्र कुमार पाण्डेय के शिकायत व मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के आदेश पर सिकटा थाना में काण्ड संख्या-100/2022 दर्ज की गई है। घटना एक जून को अंचल कार्यालय की बताई गई है।
सीजेएम को दिये परिवाद में बताया है कि परिवादी के घर तक जाने वाली सरकारी भूमि को दर्जनों लोगोंं ने अतिक्रमण कर मार्ग को अवरूद्ध कर दिया है। जिसके विरूद्ध सीओ के न्यायालय में अतिक्रमण वाद संख्या– 16/17-18 चलाया गया। अतिक्रमणकारियों को नोटिस भी की गई। अंतिम आदेश के अनुपालन में विलम्ब व इस वाद का अनुपालन सीओ के तरफ से नही किये जाने की शिकायत अनुमंडल लोक निवारण पदाधिकारी से की गई। वहा भी कार्रवाई नही की गई। फिर इके विरूद्ध परिवादी ने जिला लोक निवारण पदाधिकारी के यहां परिवाद पत्र दिया। इसके बाद भी रास्ते की भूमि से अतिक्रमण नही हटाया गया। और परिवादी को अपने घर तक जाने में कठिनाई होने लगी तो फिर अतिक्रमण हटाने की गुहार सीओ से लगाने की बात बताई गई है।
परिवादी ने इसके लिए सीओ मनीष कुमार पर तीस हजार रूपये रिश्वत मांग करने का आरोप लगाया है।उसके बाद फरियादी द्वारा रिश्वत की रकम भी सीओ को देने की बात बताई गई है। कहा है कि रिश्वत मांग करते हुये यह बात किसी से भी नही बताने की हिदायत भी दिये थे। कह़े थे कि किसी से कहने पर अतिक्रमण नही हटेगा। इसके लिए आठ फरवरी 2022 को वह रिश्वत की राशि भी दे दिया था। अतिक्रमण हटाने के लिए पांच से छः तिथियां भी निर्धारित कर फिर रद्द कर दिया गया। बावजूद अतिक्रमण नही हटा। काम नही होने के बाद एक जून को अंचल कार्यालय में वही रिश्वत की राशि का मांग करने पंहुचा तो सीओ भड़क गये। और असंवैधानिक शब्दों का प्रयोग करते हुये टेबुल पर रखे कलम से हमला कर देने की बात बताई गई है।
जिससे परिवादी के बांये आँख पर गम्भीर जख्म हो गया है।इस बीच सीओ पर मारपीट करने व पॉकेट से ग्यार हजार रूपया छिन लेने का भी आरोप लगाया गया है।मामले में थानाध्यक्ष रमेश कुमार महतो ने बताया कि इस मामले में न्यायालय के निर्देश पर काण्ड दर्ज कर जांच की जा रही है। उधर अंचलाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि इस मामले को लेकर अतिक्रमण वाद चल ही रहा है। बीते 22 जून को डेट भी था। अग्नीपथ में हो रहे प्रदर्शन को लेकर फोर्स नही मिल रहा है। जिसे लेकर उसमें विलम्ब हो रहा था। मै तो प्रतिवादी को अभी तक देखे भी नही है। फिर उसके साथ मारपीट कैसे कर लिए। यह आरोप मनगढंत है। अंचल कार्यालय में इस तरह की कोई घटना नही घटी है।