![केन्द्र सरकार मनरेगा मजदूरों को बिहार में लागू न्यूनतम 366₹ दे मजदूरी: विधायक केन्द्र सरकार मनरेगा मजदूरों को बिहार में लागू न्यूनतम 366₹ दे मजदूरी: विधायक](https://newszerokm.in/wp-content/uploads/2022/08/IMG-20220831-WA0050.jpg)
बिहार को एक लाख टन यूरिया कम आपूर्ति कर किसानों के साथ विशवासघात किया है मोदी सरकार-भाकपा-माले
भाजपा सालों भर चुनाव की तैयारी करतीं है , जनता की समस्या से कुछ भी लेना देना नहीं- वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता
न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,
बेतिया( पश्चिमी चंपारण) सिकटा विधायक सह खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आजकल केंद्रीय इस्पात व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासियों के बीच बड़ी – बड़ी बात कर रहे, उनसे माले नेता ने पुछा कि केन्द्र की मोदी सरकार बिहार में लागू न्यूनतम मजदूरी 366₹ के बराबर मनरेगा मजदूरों की मजदूरी क्यों नहीं दे रहीं हैं, आज भी मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 210 रूपये ही है,
माले विधायक ने मंत्री महोदय से पुछा की क्या जिस राज्य की जितनी न्यूनतम मजदूरी है, उससे कम मजदूरी मनरेगा में देना कानूनी अपराध के श्रेणी में आता है कि नहीं? , आगे उन्होंने कहा कि पश्चिम चम्पारण में आदिवासियों में बड़ी संख्या मजदूरों की है, आदिवासी कोटे से मंत्री होने के नाते आदिवासियों के हित में मनरेगा मजदूरों को केन्द्र की मोदी सरकार से कम से कम बिहार में लागू न्यूनतम मजदूरी 366 रूपया और साल में कम से कम 200 दिन काम दिलवाने की गारंटी करें, ताकि इस महंगाई में किसी तरह घर चल सकें,
आगे कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने बिहार को एक लाख टन यूरिया कम आपूर्ति कर किसानों के साथ विशवासघात किया है, खेती बाड़ी को नष्ट करने की नीति पर मोदी सरकार चल रही है,
वालमीकि नगर में केंद्रीय इस्पात व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते द्वारा चुनावी तैयारी को लेकर किये जा रहे मिटींग पर माले विधायक ने कहा कि भाजपा सालों भर चुनाव की तैयारी में लगी रहती है ,
जनता की समस्या से कुछ भी लेना देना नहीं होता है, देश की जनता आसमान छूती महंगाई से परेशान है, देश में रिकार्ड तोड़ बेरोजगारी है, नौजवान इधर उधर भटक रहे हैं, मगर मोदी सरकार इन सवालों पर चर्चा तक करने को तैयार नहीं है,अभी लोकसभा 2024 में और बिहार विधानसभा 2025 में चुनाव है लेकिन पिछले एक साल से चुनाव के तैयारी में लग गई हैं, आगे किसान- मजदूर विरोधी, छात्र नौजवान विरोधी, आदिवासी व महिला विरोधी मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।