प्रधान संपादक, ललन कुमार सिन्हा।
पटना: धरती पर डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता हैं वही किसी डॉक्टर के लापरवाही से किसी पेसेंट का जान चली जाए तो वो डॉक्टर रक्षक नहीं भक्षक कहे जायेंगें। यह ताजा मामला पटना की हैं।
स्थानीय महावीर अयोग्य सेवा संस्थान पटना कंकड़बाग में कान का उपचार कराने आई
शिवहर जिले के तरियानी गांव निवासी रेखा कुमारी को डॉक्टर ने कान की ऑपरेशन कराने की सलाह दी। रेखा के परिजन तैयार हो गए 11 जुलाई को कान का ऑपरेशन सफल हो गया। 12 जुलाई को लगभग रात 9:00 बजे अस्पताल की नर्स पिंकी ने तीन इंजेक्शन दी। उसके बाद रेखा के हाथ में काफी दर्द होने लगी, सुबह तक जलन कम नहीं हुई।
हाथ का रंग भी बदलने लगा, बेचैनी बढ़ने लगी, महावीर आरोग्य संस्थान बोर्ड के डायरेक्टर डॉ विमल ने IGMS के डॉक्टर से बात की और रेखा कुमारी को रेफर कर दिया, IGMS के डॉक्टर ने कहा हाथ काटना पड़ेगा यह बात सुनते ही परिजन व मरीज घबड़ा गए और बोली की मैं हाथ नहीं काटने दूंगी बाद में वहां से रेखा को अस्पताल प्रबंधक ने रेखा की माँ के खाते में दो लाख रुपया भेजी और अपने खर्चे से दिल्ली भेजा आख़िर खुदा को वही मंजूर था रेखा का हाथ काट दिया गया। इसी वर्ष रेखा की नवम्बर में शादी होने वाली थी इस घटना को सुनते ही लड़कें वाले ने शादी से इनकार कर दिया इस हादसे से रेखा टूटी तो थी ही और शादी भी टूट गई।
बाद में हनुमान मंदिर ट्रष्ट बोर्ड के मालिक आचार्य किशोर कुणाल पर मुकदमा दर्ज करने व मान्यता रद्द करने के लिए रेखा के वकील रूपम कुमारी द्वारा इंडियन मेड़िकल एसोशिएशन में शिकायत दर्ज कराया गया। रेखा को न्याय दिलाने के लिए N.H.R.C (नेशनल ह्यूमन राइट कॉमिशन) में भी शिकायत की गई हैं।
परिजनों ने सरकार से रेखा के लिए सरकारी नौकरी, आर्थिक सहायता एवं अस्पताल की मान्यता रद्द करने और डॉक्टरों पर करवाई की मांग की गयी हैं। आपको बता दे कि महावीर मंदिर ट्रष्ट के मालिक कुणाल चौधरी के दो अस्पताल एक महावीर आरोग्य संस्थान कंकड़बाग, दूसरा फुलवारी शरीफ महावीर केंसर संस्थान। यह दोनों अस्पताल अर्धसरकारी हैं। रेखा की भविष्य बर्बाद तो हो ही चुकी हैं, अब देखना यह हैं कि रेखा को न्याय मिल पाता हैं या मामले की लीपापोती कर दी जाएगी।