
कहा जाता है कि किसी भी देश के भविष्य का विकास शिक्षकों के हाथ मे हैं। एक अच्छा शिक्षक समाज मे अच्छे इंसान बनने और देश के अच्छे नागरिक बनने में हमारी मदद करता है। लेकिन यदि शिक्षक ही भ्रष्ट हो तो देश मे अच्छे नागरिक की कल्पना बेमानी होगी।
मामला घोड़ासहन प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोरैया की है। जहाँ के प्रधान शिक्षक रवि कुमार रंजन विद्यालय को अपना व्यवसाय समझते है। चाहे विद्यालय विकास अनुदान हो, छात्रवृति – पोशाक या पुस्तक की राशि हो , या शौचालय की बात हो हर जगह अनियमितता है। ग्रामीणों के अनुसार 2015-16 से अभी तक छात्रवृति पोशाक की राशि खाते में हस्तांतरित नही हुई है। जिसका असर विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति पर पड़ी है।
3 ACR भवन जो 2010 में बनी है आजतक फाइनल नही है किसी भी तरह से उपयोग के लायक नही है।
विद्यालय में घपलेबाजी इस कदर बढ़ी है कि विद्यालय में बच्चों का नामांकन पंजी तक भी नही खरीदा जाता है।
यह पूर्वी चंपारण का एक मात्र ऐसा विद्यालय है जहां शिक्षा विभाग के नियमों को ताख पर रख कर , vss का बिना बैठक बुलाये vss खाते से राशि की निकासी की जाती है।
इस संदर्भ में ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के द्वारा पूछे जाने पर बाहुबली प्रधानाध्यापक के द्वारा यह कहकर विद्यालय से भगा दिया जाता है कि “आप कौन होते है विद्यालय में आने वाले!”
VSS अध्यक्ष, सचिव और पोषक क्षेत्र के लगभग 200 ग्रामीणों के द्वारा विभाग को आवेदन दिया गया है । देखते है कब तक करवाई होती है! या फिर से मैनेज कर लिया जाता है।